नैनीताल – हल्द्वानी पेयजल योजना की जल वृद्धि हेतु की गयी कड़ी मेहनत रंग लाई

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रिपोर्ट – कान्ता पाल /नैनीताल – जिलाधिकारी सविन बंसल द्वारा हल्द्वानी पेयजल योजना की जल वृद्धि हेतु की गयी कड़ी मेहनत रंग लायी। शीतलाहाट पेयजल योजना में 1.25 एमएलडी से बढ़कर अब 3.75 एमएलडी हुई, जिससे हल्द्वानी महानगर वासियों को सुचारू पेयजल देना शुरू से ही प्राथमिकता रही है। उन्होंने कहा कि गौला बैराज, फीडर कैनाल, शीतलाहाट गधेरा (जल स्त्रोत) ही हल्द्वानी पेयजल व्यवस्था की रीढ़ हैं। उन्होंनें कई बार दुर्गम क्षेत्र शीतलाहाट पेयजल स्त्रोत व पेयजल फीडर कैनाल का निरीक्षण कर पेयजल वृद्धि हेतु जल संस्थान व सिंचाई विभाग को धनराशि उपलब्ध करायी। बताते चलें कि जिलाधिकारी श्री बंसल ने माह फरवरी में गौला बैराज से नहर के माध्यम से फिल्टरेशन प्लांट तक आने वाली नहर तथा शीतलाहाट फिल्टरेशन प्लांट का निरीक्षण किया था। निरीक्षण दौरान जिलाधिकारी ने देखा था कि गौला बैराज से शीशमहल फिल्टर प्लांट तक आने वाली नहर कई जगह  क्षतिग्रस्त होने से नहर का लगभग 35 से 40 प्रतिशत पानी लीकेज एवं सीपेज के कारण बर्बाद हो जाता है। जिलाधिकारी ने मौका मुआयना उपरान्त गौला बैराज से फिल्टर प्लांट तक आने वाली नहर की मरम्मत हेतु सिचाई विभाग को 31 लाख की धनराशि पूर्व मे अवमुक्त कर दी थी। इसी तरह जिलाधिकारी ने लगभग 1.5 किलो मीटर दुर्गम क्षेत्र में पैदल चलकर शीतलाहाट जल स्त्रोत व फिल्टर प्लांट का भी निरीक्षण किया था, तब यह तथ्य सामने आया था कि गधेरे से अधिकतर पानी ओवर फ्लो होकर गौला नदी मे चला जाता है, जिससे महानगर वासियों को पर्याप्त जलापूर्ति करने मे विभाग को परेशानी का सामना करना पड रहा था। जिस पर जिलाधिकारी ने शीतलाहाट गधेरे से शीतलाहाट फिल्टर प्लांट तक पेयजल लाइन बिछाने हेतु 20 लाख की धनराशि खनन न्यास निधि से निर्गत की थी। इसी तरह शीशमहल फिल्टर प्लांट की मरम्मत, रिसाव ट्रीटमेंट कार्य, फिल्टर प्लांटों के भवनों की मरम्मत, एवं निगरानी हेतु सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए 17 लाख की धनराशि आवंटित की थी। गुजरे 15 वर्षों जल संस्थान को किसी भी प्रकार की धनराशि शीशमहल फिल्टर प्लांट की मरम्मत एवं उच्चीकरण हेतु नहीं मिल पायी थी। लीकेज एवं सीपेज के कारण बर्बाद हो रहे 30 प्रतिशत पानी को फीडर कैनाल की मरम्मत कर रोका गया है, साथ ही फिल्टर प्लांट तक पानी पहुॅचने का समय में लगभग एक घण्टे की कमी आई है।
जिलाधिकारी ने सोमवार को लगभग 1.5 किमी दुर्गम पहाड़ी चढ़ते हुए शीतलाहाट जल स्त्रोत एवं फीडर कैनाल नहर का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने जल संस्थान व सिंचाई विभाग द्वारा कार्यों को पूर्ण करने पर सराहना करते हुए बधाई दी। जिलाधिकारी ने शीतलाहाट जल स्त्रोत के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु द्वितीय चरण का प्रस्ताव बनाने के निर्देश अधिशासी अभियंता जल संस्थान को मौके पर दिये ताकि जल स्त्रोत से आगामी 25 से 30 साल तक लगातार पेयजल आपूर्ति हो सके।