करनाल – पंचायती रिकार्ड जलाने और सबूत नष्ट करने के आरोप में शेरगढ़ टापू के सरपंच के खिलाफ मामला दर्ज

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करनाल – शेर गढ़ टापू गांव की सरपंच राजबाला के खिलाफ  सरकारी दस्तावेजों को जलाने पंचायती रिकार्ड को जला कर खुर्द बुर्द करने के आरोप में विभिन्न आपराधिक धाराओं में मामला दर्ज किया है। एसपी  गंगाराम पूनिया के आदेश पर कुंजपुरा थाने में मामला दर्ज किया हैं। इसकी शिकायत शेरगढ़ टापू में रहने वाले समाजसेवी हरपाल सिंह ने की थी। पुलिस ने केवल सरपंच के खिलाफ ही मामला दर्ज किया हैं। जब कि इस मामले के मुख्य आरोपी सरपंच के पति जनरैल सिंह तथा गांव के पंचायत सचिव सुभाष भी मुख्य आरोपी हैं। फरियादी सुभाष ने बताया कि वह इन दोनों आरोपियों को सजा दिलवाने के लिए हाई कोर्ट तक जाएंगे। इससे पहले डीसी कार्यालय ने भी एसडीएम की रिपोर्ट के आधार पर आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर इस मामले की जांच करने के निर्देश एस. पी को दिए।  फरियादी हरपाल ने बताया कि पुलिस यदि कठोरता से पूछताछ करे तो इस मामले में कई तथ्य पता चल सकते हैं।
क्या है यह मामला: करनाल के एसडीएम ने डीसी को पत्र लिख कर शेर गढ़ टापू की सरपंच तथा उसके पति और ग्राम सचिव के खिलाफ  सरकारी दस्तावेजों को जलाने पंचायती रिकार्उ को जला कर खुर्द बुर्द करने के आरोप में आपराधिक मामले दर्ज करने की सिफारिश की थी जिसके बाद आज एक माह बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज की हैं।  सरपंच और उसके पति के साथ ग्राम सचिव ने जिस रिकार्ड को जलाया। इसमें तीन से चार करोड़ रुपए के भ्रष्टाचार का मामला छिपा हुआ था। शिकायतकर्ता ने एसपी गंगा राम पूनिया तथा डीसी निशांत यादव से आरोपियों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मामला दर्ज कर इनकी तुरंत गिरफ्तारी की मांग की थी । जानकारी के अनुसार हरपाल सिंह निवासी शेरगढ़ टापू ने शेरगढ़ गांव की सरपंच राजबाला और उसके पति जरनैल सिंह ने गांव के विकास के लिए आए हुए तीन से चार करोड़ रुपए को खुर्द बुर्द करने का आरोपी लगाते हुए आरटीआई लगाकर पंचायती रिकार्ड की सूचना 25 मार्च 2003 को मांगी थी। लेकिन उसे सरपंच, बीडीपीओ और  डीडीपीओ ने सूचना मुहैया नहीं करवाई। इसके बाद उन्होंने राज्य सूचना आयोग के समक्ष अपील दायर की। इस पर सरपंच पति जरनैल सिंह और एसई पीओ सुभाष रिकार्ड के साथ आयोग के समक्ष रिकार्ड के साथ हाजिर हुए। आयोग ने शिकायतकर्ता को रिकार्ड मुहैया करवाने के आदेश दिए। लेकिन सरपंच पति रिकार्ड देने की बजाए वहां से बहाना बना कर चला गया। उसके बाद सरपंच पति ने पुरानी कार के साथ पंचायती रिकार्ड को लाडवा बाबैन रोड पर जला दिया। एसडीएम ने अपनी जांच में पाया कि रिकार्ड सरपंच पति और उसके साथ एसई पीओ सुभाष ने मिल कर रिकार्ड को जला दिया। उपायुक्त के आदेश के बाद एसडीएम ने फरियादी हरपाल सिंह को भी सुना। जिसमें उन्होंने कहा कि सरपंच पति ने एसईपीओ के साथ मिल कर 2016 से जो पंचायत का रिकार्ड था। उसको जला दिया। उन्होंने कहा कि सरपंच के कार्यकाल में 2016 से अब तक का रिकार्ड था जिसको जला दिया। उन्होंने बताया कि राज्य सूचना आयोग ने खुद माना कि सरपंच के पति ने अफसर के साथ मिल कर घोटालों को छिपाने के लिए रिकार्ड को जला दिया। इसके बाद आयोग ने सरपंच राजबाला पर  बीस हजार रुपए का तथा एसईपीओ पर पांच हजार रुपए का जुर्माना तथा एसई पीओ के खिलाफ विभागीय जांच करने के साथ तीनों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की सिफारिश की। उसके बाद डीसी के आदेश पर एसडीएम ने जांच की उसमें भी तीनों को दोषी पाया। उन्होंने डीसी को अपनी रिपोर्ट में तीनों को दोषी पाते हुए उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग की। इस मामले में फरियादी हरपाल ने बताया कि 23 फ रवरी काू एसडीएम ने डीसी को जांच रिपोर्ट पेश कर दी। उसके एक माह बाद पुलिस ने केवल सरपंच के  खिलाफ मामला दर्ज किया है। अन्य दोनों आरोपियों के खिलाफ अभी मामला दर्ज नहीं किया हैं।