करनाल – युवा नशा नहीं रक्तदान करें : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद

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करनाल –  शहीद भगत सिंह, राजगुरु ओर सुखदेव के 90वे शहादत दिवस पर आज एक ऐसा इतिहास लिखा गया जिसको आने  वाले लम्बे समय तक याद रखा जाएगा।  देश के 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों में लाखों युवा आज रक्तदान के लिए लाइन में खड़े नज़र आए और इस ऐतिहासिक घटना के साक्षी बने स्वयं देश के महामहिम राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद जिन्होंने विडीओ संदेश के माध्यम से देश भर में आयोजित हुए 1500 से ज़्यादा रक्त दान शिविरों का उद्घाटन किया। अपने संबोधन में उन्होंने शहीद भगत सिंह, राजगुरु व सुखदेव के बलिदान दिवस पर नैशनल इंटेग्रेटड फ़ोरम आफ आर्टिस्ट्स एंड एक्टिविस्टस द्वारा आयोजित संवेदना अभियान को बेहद कल्याणकारी बताया जिसमें युवाओं को नशा नहीं रक्त दान करें की सीख दी गई। उन्होंने समाज के कल्याण के लिए करनाल से शुरू हुए इस अभियान में सहयोग के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल व उनके सहयोगियों को साधुवाद दिया ओर इस बात पर प्रसन्नता जाहिर की कि यह अभियान और आगे बढ़कर ब्लड ग्रूप की मैपिंग कर रक्तदाताओं को एक मोबाइल एप और वेबसाइट के साथ जोड़ेगा।  राष्ट्रपति ने इस बात पर चिंता जाहिर की कि कोरोना पर  लॉकडाउन के चलते देश में कम रक्त दान शिविर आयोजित हुए हैं जिससे गम्भीर रोगों से पीड़ित लोगों के इलाज में रक्त की कमी से कठिनाई पैदा हुई है।  उन्होंने देशवासियों से कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए रक्तदान में बड़ चड़ कर हिस्सा लेने का आग्रह किया। राष्ट्रपति ने कहा कि कहा जाता है कि रक्त सम्बन्ध सबसे मजबूत होता है और जब जब आप रक्तदान करते हैं तो एक प्रकार से रक्त लेने वाले के साथ आपका खून का रिश्ता बन जाता है। राष्ट्रपति ने युवाओं से बड़ी संख्या में आगे आकर रक्तदान करने और यह सुनिश्चित करने का आवाहन किया कि किसी देश वासी को रक्त के अभाव में जान न गवानी पड़े। उन्होंने संवेदना अभियान की सफलता के लिए बधाई देते हुए इस आयोजन से जुड़ी सभी संस्थाओं, रक्त दाताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं को शुभकामनाएं भी दी।

चंडीगढ़ से वीडियो कॉन्फ्रेंस से कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि आज का दिन बेहद महत्वपूर्ण दिन है क्योंकि देश के लिए क़ुर्बान होने वालों में अग्रणी भूमिका निभाने वाले और यौवन अवस्था में हंसते हंसते फांसी के फंदे को चूमने वाले अमर शहीदों को याद किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि देश के आज़ादी के लिए उस समय शहीद होने की ज्यादा आवश्यकता थी लेकिन आज देश के लिए काम आने के लिए हमें देश के लिए जीना होगा।  देश कैसे विश्व गुरु व आत्म निर्भर बने उसके लिए हम विगत 74 वर्षों से प्रयास कर रहे हैं लेकिन आज देश में पहली बार अलग अलग क्षेत्रों में आत्मनिर्भर बनाने की बात आयी है और देश के प्रधानमंत्री भी आज देश को आत्मनिर्भर बनाना चाहते हैं।  मुख्यमंत्री ने कहा कि आज का आयोजन भी इसी सोच का हिस्सा है।  कोरोना काल में संवेदना अभियान के तहत किसी को रक्त की पूर्ति करने के साथ साथ समाज को एक परिवार समझ कर एक दूसरे को रक्त देना पुण्य का कार्य है।  उन्होंने कहा कि तीनो क्रांतिकारियों ने हमें समर्पण भाव सिखाया।

कार्यक्रम स्थल गोल्डन मोमेंट्स में इस अवसर पर गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद, शहीद भगत सिंह के भतीजे अभय सिंह संधु, शहीद सुखदेव के पौत्र अनुज थापर, करनाल उपायुक्त निशांत कुमार यादव, मेयर रेणु बाला गुप्ता, पुलिस अधीक्षक गंगा राम पूनिया, मुख्यमंत्री के विधानसभा प्रतिनिधि संजय बठला, भाजपा ज़िला अध्यक्ष योगेन्द्र राणा, कांग्रेस के ज़िला संयोजक तरलोचन सिंह उपस्थित रहे। स्वामी ज्ञानानंद ने कहा कि आज का दिन न केवल अमर शहीदों को याद करने का बल्कि यह एहसास करने के दिन है कि राष्ट्र के प्रति हमारा कर्तव्य क्या है। उन्होंने कहा कि इस अभियान की सफलता के पीछे सभी का एक संकल्पित भाव था ओर जो भी कार्य संकल्पित भाव से किया जाता है वो अवश्य सम्पूर्ण होता है।  शहीद भगत सिंह के भतीजे अभय सिंह संधु ने देश की आज़ादी के लिए फांसी के फंदे पर झूलने वाले अमर शहीद भगत सिंह के जीवन से संस्मरण सुनाए ओर इस बात पर चिंता जाहिर की कि जिन काले कानूनों के खिलाफ उन्होंने क़ुर्बानी दी अंग्रेजों के वो काले क़ानून आज भी चल रहे हैं जिन्हें बदलने की आवश्यकता है।

पूरे देश में संवेदना अभियान के तहत 1500 से ज़्यादा रक्त दान शिविर आयोजित हुए जिनमे अनुमानित एक लाख से अधिक रक्त दान हुआ।  वास्तविक संख्या देर रात तक आएगी जिसे कल जारी किया जाएगा।  यह पूरा अभियान राष्ट्र भक्ति के रंग से रंगा रहा। जहाँ देश भक्ति के गीतों में रक्तदान केंद्र आए युवाओं में उत्साह भरा वहीं चित्रकारों ने शहीदों को रक्त दान के साथ जोड़ कर पेंटिंग बनाई जिनकी प्रदर्शनी भी लगाई गई।  कश्मीर से कन्या कुमारी तक, लाहौल स्पीती के दुर्गम क्षेत्रो सहित देश के सभी राज्य आज के इस संवेदना अभियान का हिस्सा रहे।  भारतीय रेड क्रॉस सोसायटी, राष्ट्रीय रक्त संचारण परिषद, नैशनल इंटेग्रेटेड मेडिकल एसोसिएशन व अन्य लगभग एक हज़ार संस्थाओं के सहयोग से पूरे देश में आज रक्त दान शिविर आयोजित किए गए। निफ़ा अध्यक्ष प्रीतपाल सिंह पन्नु का कहना है कि यह अभियान गिनीज़ बुक आफ वर्ल्ड रेकर्ड में शामिल करने के लिए भेजा जाएगा व लिम्का बुक में भी इसे दर्ज करवाने की प्रक्रिया की जाएगी।  उन्होंने कहा कि आज संवेदना अभियान का समापन नहीं बल्कि एक आगामी बड़े अभियान का आगाज़ किया गया है जो तब तक जारी रहेगा जब तक देश स्वैच्छिक रक्त दान के क्षेत्र में आत्मनिर्भर न बन जाए।  इसके लिए एक विशेष वेब्साइट व मोबाइल ऐप बनाई जा रही है जिसमें दो करोड़ युवाओं को प्रेरित कर जोड़ा जाएगा जो देश के हर हिस्से से होंगे ओर आवश्यकता पढ़ने पर ज़रूरतमंद को रक्त उपलब्ध करवाएँगे।   संवेदना के उद्घाटन समारोह में निफ़ा के संयोजक एडवोकेट नरेश बराना ने मंच संचालन किया जबकि महा सचिव प्रवेश गाबा ने धन्यवाद ज्ञापित किया