Kullu (हि०प्र०) – जिला कुल्लू के शिवालयों में रही महापर्व की धूम,दर्शनों के लिए उमड़ा जनसैलाब

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रिपोर्ट-निखिल/कुल्लू- देवभूमि कुल्लू में सोमवार को महाशिवरात्री के पावन वेला पर शिव के दरबार भुतनाथ में हजारों की संख्या में भक्त शीश नमन करने के लिए पहुंचे। जिला के सभी शिव मंदिरों में सुबह 4 बजे से लेकर देर शाम तक भक्तों का तांता लगा रहा। सोमवार को कुल्लू के प्रसिद्व मंदिर भूतनाथ में शिवरात्रि की वेला में भोले शंकर के दर्शन पाने के लिए श्रद्वालु का तांता लगना शुरू हो गया। वहीं दोपहर बाद हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी संगम महादेव,शिवराड़ी नारायण,पांच वीर,घटोत्कछ,बनशीरा देवताअपने हारियानों सहित भूतनाथ मंदिर में महादेव से मिलने पहुंचे। भूतनाथ पहुंचते ही मंदिर कमेटी ने इन देवताओं का भव्य स्वागत किया। जानकारी केअनुसार यह देवता शिवरात्रि भूतनाथ मंदिर में रहेंगे और दूसरे दिन सरवरी में मेले में शिरकत करेंगे। वहीं बिजली महादेव में हजारों श्रद्धालुओंं ने पहुंच कर दर्शन किए। जहां पर लोगों ने शिव के मंदिरों में जाकर भगवान शिव से आर्शीवाद लिया और शिव की पिंडी को दूध, दही, घी, मख्खन, शहद से नेहलाकर व विधिवत पूजा अर्चना की। वहीं, भाले नाथ के भक्तों ने शिव का घोटा पीकर प्रसाद भी ग्रहण किया। बजौरा में सबसे पुराने ऐतिहासिक शिव मंदिर जो कि पांडवों के समय है, पगौड़ा शैली से बना कुल्लू जिला का सबसे पुराना मंदिर है। जहां पर हर साल शिवरात्री के पावन वेला पर दूर दराज से भक्त शिव भगवान के दर्शन करने के लिए इस खास दिन पर पहुंचते है। वहीं,
बंजार, निरमंड, कसौल, नगंवाई, आखाड़ा बाजार, मौहल, नगर, गड़सा, भूंतर, बिजली महादेव के सभी मंदिरों में भक्तों की संख्या देखने की मिली। वहीं सोमवार के दिन पवित्र शिवरात्रि के अवसर पर जिला कुल्लू के शिवालयों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। वहीं खराहल घाटी के शीर्ष पर विराजमान बिजली महादेव के दर्शन के लिए भी सुबह से ही भक्तों का उमडऩा शुरू हो गए।
हालांकि बीते दिनों हुई बर्फबारी के चलते खराहल घाटी बर्फ की सफेद चादर में लिपटी हुई है लेकिन भगवान शिव का आशीर्वाद लेने के लिए श्रद्धालु सुबह 4 बजे से ही बर्फ पर चलकर बिजली महादेव दर्शनों के लिए पहुंचे। हालांकि बिजली महादेव मंदिर के कपाट 3 महीने के लिए बंद हुए थे।माना जाता है कि देवता इस दौरान स्वर्ग प्रवास के लिए जाते हैं। लिहाजा मंदिर के कपाट भी बंद हो जाते हैं। इस दौरान मंदिर में कोई पूजा.पाठ और धार्मिक अनुष्ठान भी नहीं होते हैं। महाशिवरात्रि के पर्व पर महज 2 दिन मंदिर के कपाट खुले रहेंगे। इस दौरान हजारों की संख्या में श्रद्धालु और भक्त ऐतिहासिक शिवलिंग के दर्शन करने पहुंचे।