नैनीताल -नयना देवी मंदिर में शुरू हुआ खड़ी होली का उत्सव

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रिपोर्ट -कांता पाल /नैनीताल सरोवर नगरी नैनीताल के नयना देवी मंदिर से आज कुमाऊं की खड़ी होली की शुरुआत की गई। कुमाऊँ की खड़ी होली का इतिहास 400 साल से ज्यादा पुराना है l ढोल की थाप के साथ कदमों की चहल कदमी और राग-रागिनियों का समावेश इस खड़ी होली में होता है l  कुमाऊं में चम्पावत, पिथौरागढ़ अल्मोड़ा, बागेश्वर में इस होली का आयोजन किया जाता है l  राग दादरा और राग कहरवा में गाये जाने वाले इस होली का गायन पक्ष में कृष्ण राधा राजा, हरिशचन्द्र, श्रवण कुमार समेत रामायण और महाभारत काल की गाथाओं का वर्णन किया जाता है l पहाड़ की होली का ऐसा रंग कुमाऊं में ही देखा जाता है l  ढोल और रागों पर झुमने के साथ इस होली में गौरवशाली इतिहास का वर्णन होता है तो होल्यार भी इसके रंग में रंग जाते है l  हालांकि पिछले कुछ सालों में रीति रिवाज परम्पराओं में बदलाव आए पर किंतु आज भी पहाड़ों में खड़ी होली की परम्परा कायम है।
कुमाऊं की खड़ी होली का नजारा हर किसी को अपनी ओर खींच लेता है, ढोल की थाप पर होल्यार रंगों के इस पर्व पर रंगे नजर आ रहे है l  देशभर में खेली जाने वाली होली से कई मायनों में अलग ये होली शिवरात्रि के बाद चीर बंधन के साथ शुरू होती है जो छलडी तक चलती है l  मन्दिर से शुरू हुई ये होली गांव के हर घर में जाकर होली का गायन करते है, जिसके बाद आशीष भी परिवार को देते है. चन्द शासन काल से चली आ रही ये परंपरा आज भी अपने महत्व को कुमाऊं की वादियों में समेटे हुए है l