अजमेर -घाटियों में कमजोर पड़ी महाराणा प्रताप के घोड़े की टाप ,नहीं सुनाई दे रही उनकी शौर्य गाथा

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किशोर सिंह / अजमेर – राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे द्वार पिछले वर्ष 15 अगस्त पर तीन दिन अजमेर यात्रा के दौरान कई  योजनाओ का लोकार्पण किया गया था जिनमे करीब 5 करोड़ की लागत से पुष्कर घाटी में महाराणा प्रताप के स्मारक का लोकार्पण भी शामिल था। अजमेर विकास प्राधिकरण की ओर इसकी जोर-शोर से तैयारियां की गई थी । चेतक घोड़े पर सवार महाराणा प्रताप की 16 फीट ऊंची अष्ट धातु की मूर्ति ग्वालियर से तैयार होकर अजमेर पहुँची थी।

करीब 8 लाख रुपए कीमत की यह मूर्ति प्राधिकरण अध्यक्ष शिवशंकर हेडा के लिए प्राथमिकता बनी। अजमेर-पुष्कर की सुरम्य घाटी के बीच विकसित इस स्मारक पर लाइट व साउुंड लेजर शो का भी लोकार्पण किया गया। जिसमें महाराणा प्रताप की गाथाओ का गुणगान किया जाता था लेकिन अब शायद यह गाथाये और महाराणा प्रताप के घोड़े की टाप अब घाटियों में सुनाई नही देगी l

ठेकेदार का कहना है कि अजमेर विकास प्राधिकरण भुगतान नहीं कर रहा। वहीं एडीए प्रशासन का कहना है कि ठेकेदार के पास सॉफ्टवेयर अपडेट नहीं है। कारण चाहे जो हो लेजर शो देखने आने वाले दर्शकों को स्मारक से निराश लौटना पड़ रहा है।

इस प्रोजेक्ट पर तक़रीबन 2 करोड़ 31 लाख रुपए खर्च हुए। जोधपुर की कम्पनी द्वारा कंस्ट्रक्शन को लेजर शो का तीन साल का संचालन व मेंटीनेंस का ठेका दिया गया था। तीस फीसदी भुगतान रोका गया था। इसी बकाया भुगतान को लेकर कम्पनी ने शो का संचालन बंद किया है।