करनाल-शरीर दान से बड़ा दान नहीं : सुधीर कुमार

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करनाल में नेत्रदान रक्तदान के साथ देह दान करने के क्षेत्र में मिसाल कायम करने वाले सचखंड वासी धर्म सिंह इंसान की पुण्यतिथि पर उनकी पुण्य स्मृति में जागो जगाओ यूनिवर्सल ट्रस्ट के सौजन्य से  रक्तदान नेत्रदान तथा अंगदान के साथ देहदान को समर्पित कार्यक्रम में आज  बड़ी संख्या में लोगों ने रक्तदान कर शरीर और नेत्रदान का संकल्प लिया। यह कार्यक्रम दो चरणों में संचालित किया गया। पहले चरण में रक्तदान कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के विधायक प्रतिनिधि संजय बटला थे। उन्होंने दीप प्रज्जवलित  कर कार्यक्रम का शुभारंभ  किया। इस अवसर पर समाज के विभिन्न बर्ग के लोगों ने रक्तदान किया। इस अवसर पर  मुख्यमंत्री के विधायक प्रतिनिधि संजय बठला ले कहा कि रक्त किसी कारखाने में पैदा नहीं होता है। रक्तदान कर हजारों की जान बचाई जा सकती हैं। उन्होंने रक्तदान करने वालों को बैच् लगाया। इस अवसर पर कि सभी को साल में तीन बार रक्त का दान करना चाहिए। उपस्थित जनों ने शरीर -नैत्र दानी सचखंड वासी धर्म सिंह जी की तस्वीर पर माल्यार्पण किया। उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए। इस अवसर पर पौधा दान भी किया गया। धर्म सिंह जी के पुत्र रनधीर सिंह ने कहा कि वह अपने पिता धर्म सिंह,सचखंड वासी दादा प्रताप सिंह, दादी दमयंती देवी की याद में यह कार्यक्रम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनका पूरा परिवार शरीर दान का संकल्प ले चुका हैं। इसमें अलावा नेत्रदान का भी संकल्प लिया हैं। आज नाम चर्चा की गई। इसके उपरांत नैत्रदान, शरीर दान और अंगदान को लेकर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि आरएसएस के कुरुक्षेत्र के विभाग संयोजक सुधीर कुमार ने कहा कि अंगदान के साथ शरीर दान कर हम सबसे बड़ा परमार्थ करते हैं। मौत के बाद शरीर और हमारे अंग राख में बदल जाएंगे इस लिए हमें समाज के काम आने के लिए शरीर का दान कर देना चाहिए। एक शरीर के दान से दस लोगों की जान बचाई जा सकती हैं। उन्होंने रक्तदान के साथ नेत्रदान पर जोर दिया। मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए सेवा भारती के प्रदेश उपाध्यक्ष स्वामी अमृतानंद गिरि जी ने कहा कि शरीर दान को प्रेरित करना जरूरी हैं। उन्होंने सेवा भारती के प्रकल्पों की जानकारी दी। इस अवसर पर समाजसेवी डा. बी के ठाकुर ने भी माधव नेत्र बैंक के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आज करनाल देश में सबसे बड़ा नेत्रदान जिला बन चुका है। लोग शरीर दान के प्रति प्रेरित हो रहे हैं। इस अवसर पर माधव नेत्र बैंक के अध्यक्ष डा. नरेंद्र प्रताप सिंह  सिंह ने भी नेत्रदान के बारे में जानकारी दी।  इस अवसर पर राशन वितरण कार्यक्रम में  जरूरतमंद लोगों को राशन दिया गया। इस अवसर पर श्यामा तुलसी के पौधों का  भी वितरण किया गया। कार्यक्रम में हंसराज जी, सुभाष जी,जिले सिंह, विनीत खेड़ा, कपिल किशोर अग्रवाल, गोपाल जी, रिषी पाल जी साहिल, रामधारी, रणधीर फौजी आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन बीर रस के कवि पवन पवाना और जिले सिंह बड़ा गांव  ने किया।   इस अवसर पर रक्तदानियों को सम्मानित किया गया। इसमें 210 बार रक्तदान करने वाले छाबड़ा जी, 55 बार देवी दयाल जी 51 बार कृष्ण बांसा  दानी भी शामिल थे। यहां पर विशेष तौर पर देहदान, नेत्रदान करने वालों के परिवार को भी सम्मानित किया गया।