आगरा – रेलवे की लापरवाही ने ली यात्री की जान, सूचना से 48 मिनट देरी से पहुचे डॉक्टर..

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रिपोर्ट – नसीम अहमद /आगरा – रेलवे लाख दावे करे कि चलती ट्रेन में अगर यात्री की तबीयत खराब होती है तो उसको तुरंत ही चिकित्सा सुविधा हर हाल में कुशल डॉक्टर सुविधा उपलब्ध कराएंगे और उसे तुरंत पास ही स्टेशन के अस्पताल  मे उपचार दिया जाएगा. ये सुनने में जरूर अच्छा लगता है पर हक़ीक़त कुछ और ही है…
आगरा कैंट स्टेशन के नजदीक रेलवे अस्पताल होने के बावजूद भी रेलवे के चिकित्सक ट्रेनों में अचानक तबीयत बिगड़ने वाली यात्रियों को समय से इलाज मुहैया नहीं करा पाते हैं जबकि चलती ट्रेन के दौरान ही उन्हें हैं इसकी सूचना दे दी जाती है। इस कारण कई बार रेल यात्रियों की मृत्यु भी हो चुकी है। ऐसा ही एक मामला आज आगरा कैंट स्टेशन पर देखने को मिला। आगरा कैंट स्टेशन पर चिकित्सक के देरी से पहुँचने के कारण हार्ट अटैक के मरीज ने दम तोड़ दिया। मृतक की पत्नी ने पति की मौत के लिए रेलवे चिकित्सक को जिम्मेदार ठहराया।आपको बता दें ये पहला मामला नहीं है इससे पहले भी कई मामले इस तरह के सामने आ चुके हैं..
मामला आगरा कैंट रेलवे स्टेशन प्लेटफार्म नंबर एक का है। हीराकुंड एक्सप्रेस में रायगढ़ निवासी सतीश सिंह उम्र 33 वर्ष सफर कर रहे थे। ट्रैन के आगरा कैंट स्टेशन के पास पहुँचने के दौरान बाथरूम जा रहे सतीश को हार्ट अटैक आया और वो नीचे गिर पड़े। टीटी ने तुरंत सतीश व उसके परिवार को ट्रेन से नीचे उतारा और तत्काल स्टेशन मास्टर को इसकी सूचना दी। स्टेशन मास्टर ने तुरंत रेलवे अस्पताल को सूचित किया लेकिन रेलवे डॉक्टर 100 कदम की दूरी पर स्थित स्टेशन पर भी 48 मिनट देरी से पहुंचे तब तक रेल यात्री सतीश की मृत्यु हो गयी।
सतीश की पत्नी का आरोप था कि सूचना मिलने के बाद भी रेलवे चिकित्सक टाइम पर नहीं पहुँचे जिसके कारण समय से प्राथमिक उपचार नही मिल सका और पति की मृत्यु हो गयी।
रेलवे चिकित्सक से देरी से पहुँचने का कारण पूछा तो चिकित्सक ने मृतक के परिवार और पत्रकारों से अभद्रता कर दी। रेलवे चिकित्सक रेलवे की नौकरी छोड़ने की बात कहने लगी। चिकित्सक का कहना था कि हार्ट अटैक से अक्सर मौत होती है डॉक्टर 5 और 10 मिनट में नहीं आ सकते।
मृतक की पत्नी और उसकी मासूम बच्ची अपने पिता की लाश के पास रोती रही। सोचने वाली बात है कि इस तरह की लापरवाही से आखिरकार कब तक रेलयात्री इलाज के अभाव में अपना दम तोड़ते रहेंगे। और रेलवे विभाग सिर्फ जांच और कार्यवाही की बात कहकर अपनी जिम्मेदारी से ऐसे ही बचता रहेगा…l