जाधव केस में आज , अंतरराष्ट्रीय अदालत में सुनवाई शुरू

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नई दिल्ली –  भारत और पाकिस्तान करीब 18 साल बाद एक बार फिर हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आइसीजे) में आमने-सामने हैं और इस मामले में 11 जजों की बेंच सुनवाई कर रही है। कोर्ट के समक्ष मामले की जानकारी देते हुए संयुक्त विदेश सचिव (कानून) वी. डी शर्मा. ने कोर्ट को बताया कि पाकिस्तान ने भारत की मांग ना मान कर वियना संधि का उल्लंघन किया।

भारत ने कहा कि पाकिस्तान ने भारत को कुलभूषण से मिलने के लिए काउंसलर एक्सेस नहीं दिया, आज भारत के सवा अरब लोग न्याय की उम्मीद कर रहे हैं। भारत ने कहा कि न्यायिक मदद के बिना जाधव को फांसी की सजा सुनाई गई और उन्हें ISI ने फंसाया। इस मामले में उनकी मां की अपील तक नहीं सुनी गई।

बता दें कि पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने पिछले महीने जाधव को मौत की सजा सुनाई है। इससे पहले 1999 में पाकिस्तानी नौसैनिक विमान को मार गिराने के मामले में दोनों देश इस न्यायालय में आमने-सामने आए थे।

संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख न्यायिक निकाय आइसीजे, सोमवार को नीदरलैंड के हेग स्थित पीस पैलेस के ग्रेट हॉल ऑफ जस्टिस में इस मामले की सार्वजनिक सुनवाई करेगा। भारत ने आठ मई को इस अंतरराष्ट्रीय अदालत में याचिका दायर की थी। भारत का आरोप है कि पाकिस्तान ने विएना समझौते का उल्लंघन कर उसके पूर्व नौसैनिक अधिकारी से राजनयिक संपर्क के आवेदन को लगातार 16 बार खारिज कर दिया। इसके अलावा पाकिस्तान ने जाधव के परिवार के वीजा आवेदन का भी कोई जवाब नहीं दिया

अदालत में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व तत्कालीन अटॉर्नी जनरल सोली सोराबजी ने किया था। सुनवाई के दौरान आइसीजे ने भारतीय दलीलों से सहमत हुए पाया कि उसे पाकिस्तान के 21 सितंबर 1999 को दायर आवेदन पर विचार करने का अधिकार ही नहीं है। दरअसल, सुनवाई के प्रारंभ में ही दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हो गए थे कि पहले न्यायाधिकार के सवाल पर फैसला हो, उसके बाद ही मामले के गुण-दोषों पर सुनवाई की जाए।

भारत की दलील थी कि यह मामला आइसीजे के न्यायाधिकार से बाहर है। इस संदर्भ में उसने 1974 की उस छूट का हवाला दिया जिसमें भारत और अन्य राष्ट्रमंडल देशों के बीच विवाद और बहुराष्ट्रीय समझौतों के तहत आने वाले विवादों को आइसीजे के दायरे से बाहर रखा गया था। इसके अलावा सोराबजी का कहना था कि घटना के लिए पाकिस्तान ही पूरी तरह जिम्मेदार था, लिहाजा उसे अपनी करनी का परिणाम भुगतना ही चाहिए। हालांकि, पाकिस्तान ने भारत की दलीलों का विरोध किया था, लेकिन अदालत ने उसे नहीं माना। आइसीजे ने इसे संयुक्त राष्ट्र के वेब टीवी पर प्रसारित करने का फैसला किया है। यह भारतीय समयानुसार दिन में 1.30 बजे से webtv. un.org देखा जा सकेगा।