नैनीताल – मॉ नन्दा देवी महोत्सव का विदाई समारोह सम्पन्न

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कान्तापाल/ नैनीताल – कुमाऊँ गढ़वाल में कुल देवी के रूप में पूजी जाने वाली मॉ नन्दा देवी महोत्सव ने इस वर्ष अपने 114 वें वर्ष में प्रवेश किया। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार 29 अगस्त को अष्टमी के दिन मां नंदा-सुनंदा का अपने मायके आगमन हुआ था, और इसी परंपरा के तहत आज एकादशी 1सितंबर को कुलदेवी मां नंदा-सुनंदा को ससुराल विदा किया गया। भारी बारिश के बावजूद नंदा सुननंदा को विदा करने के लिए हजारों  की  संख्या में श्रद्धालु  मां नंदा सुननंदा के डोले में पहुँचे। घंटियों और नगाडों की आवाजों के बीच मां के जयकारों से सरोवर नगरी गूंज उठी। आज मां नंदा-सुनंदा अपने ससुराल लौट गई । मां नंदा-सुनंदा के तीन दिनों तक चले अनुष्ठान में कुमाऊं के लोगो ने पूजा अर्चना की आज 1 सितंबर को आकर्षक झांकियों के साथ नंदा सुननंदा के डोले को नगर भ्रमण कराने के बाद मां नंदा-सुनंदा का देर शाम नैनी झील में विसर्जन किया जाएगा। विसर्जन की यह परंपरा एक तरह से मां नंदा-सुनंदा को मायके से ससुराल विदा करने की परंपरा होती है l

नैनीताल पहुचे पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने नन्दादेवी  महोत्सव के अन्तिम दिवस पर माॅ नन्दा-सुनन्दा के डोले को कन्धा लगाकर विदाई दी। पर्यटन मंत्र कि माॅ नन्दा-सुनन्दा की कृपा क्षेत्रीय जनता के साथ प्रदेशवासियों पर बनी रहें। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड देवभूमि है यहाॅ की सांस्कृतिक व परम्पराऐं समृद्वि हैं इन्हें हमें संजोह कर  रखना होगा। ऐसे धार्मिक मेलों के आयोजन से जहाॅ हमारी संस्कृति एवं परम्पराऐं बनी रहती हैं वहीं पर्यटन को भी बढ़ावा मिलता है। उन्होंने कहा कि माॅ नन्दा-सुनन्दा महोत्सव को और भव्य रूप से मनाने का प्रयास किया जायेगा।  उन्होंने कहा कि नैनीताल में यातायात को सुविधाजनक बनाने हेतु रज्जुमार्ग (रोप-वे) स्थापित किये जायेगें।