कान्तापाल/ नैनीताल – उत्तराखण्ड बने 17 साल बीत चुके हैं लेकिन नैनीताल जिले के रामगढ क्षेत्र की जनता उत्तराखण्ड बनने के बाद से ही यातायात की समस्या से जुझ रही है कहने को यहा उत्तर प्रदेश शासन काल का बस स्टेशन था लेकिन अब वह भी उत्तराखण्ड बनने के बाद से खण्डहर मे तबदील हो चुका है यहा तक की इस बस स्टेशन का नाम अभी तक भी नही बदला गया है। वही वित्त मंत्री का कहना है की रामगढ़ जैसे बस स्टेशन को लेकर नयी योजनाए बनायीं जाएंगी ।
उत्तराखण्ड बनने के बाद से नैनीताल से रामगढ के लिये सिर्फ एक ही बस चलती है जिसका समय भी कोई निश्चित नही है लेकिन उत्तर प्रदेश के शासन काल मे रामगढ को विशेष दर्जा प्राप्त था और यहा के लिये खास तौर पर मुख्यालय से जोडने के लिये 4 बसें चलायी जाती थी क्योकि रामगढ का क्षेत्र फलों के लिये भी जाना जाता है यहां से सेब, आडू , खुमानी , नाशपाती जैसे फलों की सप्लाई भी इन्ही रोडवेज की बसों से की जाती थी वक्त बदला और यह क्षेत्र उत्तर प्रदेष से उत्तराखण्ड के हिस्से मे आ गया लेकिन उत्तराखण्ड बनने के बाद यहा की स्थिति बदल गयी और यहा का बस स्टेशन खण्डहर मे तबदील हो गया है जह देखो वहा पर कूडे का ढेर लगा हुआ है और यह गायों भैंसे के तबेले मे तबदील हो चुका है और तो और यहां के बस स्टेशन का नाम तक नही बदला गया है अभी भी यहां उत्तर प्रदेश परिवहन निगम लिखा हुआ है l
रामगढ का यह बस स्टेशन अभी भवाली डिपो के अण्डर मे आता है लेकिन उत्तर प्रदेश मे विशेष दर्जा प्राप्त रामगढ क्षेत्र की उत्तराखण्ड बनने के बाद से कोई भी सुध नही ली गयी है लेकिन जब रामगढ पहुंचे वित्त प्रकाश
पंत से खस्ता हाल रामगढ बस अड्डे के बारे में पूछा गया तो उनका कहना था कि रामगढ बस स्टेशन की स्थिति का मामला आज उनके संज्ञान में आया है और रामगढ़ जैसे बस स्टेशन को लेकर नयी योजनाए बनायीं जाएंगी ।