नैनीताल – मुजफ्फर नगर कांड पर सुनवाई

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कान्ता पाल/ नैनीताल – उत्तराखंड हाई कोर्ट ने मुजफ्फरनगर कांड के मामले में दुबारा से सुनवाई करते हुए जिला जज देहरादून से दो सप्ताह में रिपोर्ट मांगी है और सरकार व सीबीआई को नोटिस जारी हुआ है  मामले में अगली सुनवाई दो सप्ताह के बाद की नियत की है। आपको बतादे कि अधिवक्ता रमन कुमार साह राज्य आंदोलनकारी ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि राज्य आंदोलन कारियों को दस प्रतिशत आरक्षण देने वाली जनहित याचिका निरस्त होने के कारण इसको सुप्रीम कोर्ट में चुनोती देने के लिए उन्होंने राज्य आंदोलनकारियों से सम्बन्धीत दस्तावेजो को इकठ्ठा करने के लिए बिशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट देहरादून के ऑफिस से  मुजफ्फर कांड से सम्बंधित दस्तावेज मांगे परन्तु उन्होंने साफ तौर पर कहा कि इस सम्बन्ध में कोई पत्रावली यहाँ उपलब्ध नही है । इसको लेकर उन्होंने हाई कोर्ट में याचिका डायर की । जिसमे उन्होंने इसकी जाँच सीबीआई से कराने ,पत्रावली याचिकर्ता को उपलब्ध कराने और फाइल गायब कराने वाले सभी लोगो के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की प्राथर्ना की है। याचिकर्ता ने अपनी याचिका में कहा है कि सन् 1996 में उत्तराखंड को पृथक राज्य बनाने के लिए राज्य आंदोलन किया था जिसमे मुजफ्फर नगर में राज्य के लोगों पर पुलिस ने मारपीट लूट हत्या रेप किया । सीबीआई ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि उक्त कांड में 28 लोगो की मौत 7 गैंग रेप 17 महिलाओ के साथ छेड़छाड़ हुई है। सारी घटना मुजफ्फर नगर के तत्कालीन  जिला अधिकारी अनंत कुमार के आदेश पर हुई।सीबीआई ने 22 अप्रैल 1996 को अनन्त कुमार को आईपीसी की धारा 302,307,324,326ध्34 के तहत दोषी पाया । जिसको अनंत कुमार ने उन्होंने हाई कोर्ट में चुनोती दी । हाई कोर्ट की खंडपीठ ने 22जुलाई 2003 को निचली अदालत के आदेश को निरस्त कर याचिका को निस्तारित कर दिया।  इस आदेश पर पुनर्विचार याचिका सरकार व राज्य आंदोलनकारियों द्वारा दायर की गयी जिसपर सुनवाई करते हुए उसी खंडपीठ ने अपने आदेश की वापस लेकर मामले को सुनने के लिए अन्य बेंच को भेज दिया। खंडपीठ ने 22 मई 2004 को अनन्त कुमार की याचिका को खारिज कर दिया। तब से ये मामला निचली अदालत में लम्बित है 17 फरवरी 2018 को याचिकर्ता ने 22 अप्रैल 1996 के आदेश को लेने के लिए निचली अदालत में आवेदन किया तो ऑफिस ने इस केस का रिकार्ड नही होने की जाकारी दी ।मामले में अगली सुनवाई दो सप्ताह के बाद की नियत की है।