पीएम मोदी ने बाबा केदारनाथ के दर्शन किए

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केदारनाथ –  पूजा अर्चना और वैदिक मंत्रोचारण के साथ केदारनाथ मंदिर के कपाट आज सुबह 8.50 बजे श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए गए। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस खास पल के साक्षी बनने के लिए केदारनाथ धाम पहुंचे। इस दौरान उन्‍होंने केदारनाथ बाबा के दर्शन किए। उन्‍होंने मंदिर के गर्भगृह में बाबा केदारनाथ का रुद्राभिषेक किया।

इस दौरान वह करीब 30 मिनट तक मंदिर के गर्भगृह में रहे। पूजा के बाद पीएम मोदी श्रद्धालुओं के बीच गए। उन्‍होंने हाथ हिलाकर लोगों का अभिवादन स्‍वीकार किया। प्रोटोकाल तोड़कर पीएम मोदी श्रद्धालुओं की कतार में जाकर अभिवादन किया। वहीं, केदारनाथ मंदिर के रावल भीमाशंकर लिंग ने पीएम मोदी को केदारनाथ मंदिर की प्रतिकृति भेंट की।  इसके बाद उन्‍होंने मंदिर की परिक्रमा की।

इससे पहले जौलीग्रांट में प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत, राज्यपाल केके पॉल सहित कई केंद्रीय मंत्री, विधायक व सांसद ने उनका स्वागत किया।  कुछ देर बाद उन्‍होंने केरादनाथ के लिए हेलीकॉप्टर से उड़ान भरी। करीब नौ बजे वह केदारनाथ पहुंचे।

वहीं, ढाई हजार से ज्यादा श्रद्धालु केदारनाथ पहुंच गए हैं। इस ऐतिहासिक अवसर के लिए मंदिर को दस कुंतल गेंदे के फूलों से सजाया गया है। इस बीच शाम को उत्सव डोली भी केदारनाथ पहुंच गई है। वैदिक मंत्रोच्चारण और पौराणिक रीति-रिवाजों के साथ मंदिर के कपाट सुबह 8.50 पर श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए।

प्रधानमंत्री के आगमन के तहत सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। केदारनाथ को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। यहां पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों के साढ़े चार सौ जवान तैनात किए गए हैं। मंदिर परिसर से बर्फ हटाने का काम पूरा करने के साथ ही प्रवचन हाल एवं प्री-फ्रेबिकेटेड हटों दुरुस्त कर लिया गया है। प्रधानमंत्री के लिए विशेष पूजा का आयोजन किया जाना है। इसके लिए वेदपाठी केदारनाथ पहुंच चुके हैं।

केदारनाथ मंदिर भारत के उत्‍तराखंड राज्य के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है। उत्तराखंड में हिमालय पर्वत की गोद में केदारनाथ मन्दिर 12 ज्योतिर्लिंग में सम्मिलित होने के साथ चार धाम और पंच केदार में से भी एक है। यहां की प्रतिकूल जलवायु के कारण यह मंदिर मई से नवंबर माह के मध्‍य ही दर्शन के लिए खुलता है। पत्‍थरों से बने कत्यूरी शैली से बने इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि इसका निर्माण पांडव वंश के जनमेजय ने कराया था। यहां स्थित स्वयम्भू शिवलिंग अति प्राचीन है। आदि शंकराचार्य ने इस मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया।