सुमित /पानीपत – आजादी के बाद पाकिस्तान से आये शरणार्थियो को हिंन्दूस्तान में बसाने के लिए देश के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद के निर्देश के बाद मैदान की खाली पड़ी जगह को लोगो को रहने के लिए दिया गया था लेकिन पानीपत प्रशासन करीब 4 साल से न्यायालय के आदेश पर इस जगह को खाली करवाने के नोटिस देते आया है ,आज फिर पानीपत निगम प्रशासन अपने अमले के साथ जगह खाली करवाने पहुंचे थे लेकिन लोगो के आक्रोश के सामने एक बार फिर प्रशासन नाकामयाब रहा और खाली हाथ वापिस लौटना पड़ा।
केंद्र व् हरियाणा सरकार जहां लोगो को रहने के लिए घर देने का वादा करती है ,गरीब व् निसहाय लोगो के लिए लाभकारी योजनाएं लागू करती है वहीं दूसरी ओर वर्षों से रह रहे बाशिंदों को घर से बेदखली के नोटिस थमा रही है ,मामला पानीपत के किले पर बसे 242 परिवारों में से 57 परिवारों को बेदखल कर करने का है जिनको पहले नोटिस नहीं मिले थे लेकिन नगर निगम कमिश्नर का कहना है इन्हे बार बार नोटिस भेजे है जिनका इन लोगो ने कोई जवाब नहीं दिया अब हाईकोर्ट के आदेश पर कार्यवाही की जा रही थी लोगो के आक्रोशित होने के कारण कार्यवाही को रोकना पड़ा। लेकिन यहां की जनता में रोष है लोगो ने कहा की किले को पाकिस्तान बनाना चाहते हो। देश के बटवारे के बाद वहां से उजड़कर आए थे अब यहां उजाड़ रहे हैं ,किलावासियों ने कहा कि वो मकान किसी भी कीमत पर खाली नहीं करेंगे चाहे उन्हें कोई भी लड़ाई लड़नी पड़े l
पानीपत किलेवासियों के लिए शुक्रवार का दिन काफी मुश्किलों भरा रहा,हाईकोर्ट के आदेश पर निगम के अधिकारी जेसीबी लेकर मकान तोड़ने पहुचे थे । निगम के अमले की सूचना मिलते ही किलेवासी सैंकड़ो की संख्या में इक्कठे हो गए। करीब 57 मकानों को तोड़ने के नोटिस जारी किए गए थे। निगम के अमले को देखते हुए किलेवासियों ने किले के नीचे का रास्ता कुछ देर के लिये बाधित कर दिया। स्थानीय महिलायें निगम जवाइन्ट कमिश्नर सुमन भाखर की गाड़ी के आगे रास्ता रोककर खड़ी हो गयी । स्थानीय निवासियों ने निगम के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। स्थानीय निवासियों का कहना था कि किसी भी कीमत पर मकान तोड़ने नही देंगे इसके लिए चाहे उनकी जान चली जाए,किलेवासियों का कहना था कि विभाजन के समय पाकिस्तान से उजड़ कर आये थे अब यहा से भी उजाड़ा जा रहा है ऐसे में अब वो कहा जाएंगे। काफी ।देर हंगामा होता देख, ज्वांइट कमिश्नर सुमन भाखर ने लोगो के बीच जाकर समझाया कि कोर्ट के आदेश है और कोर्ट के आदेश पर ही मकानों को तोड़ा जाएगा। लेकिन लोग कुछ भी सुनने को तैयार नही थे। शहरी विधायक के पति ने ज्वांइट कमिश्नर को बताया कि किलेवासियों का कहना था कि उन्हें टाइम नही दिया गया है केवल 15 मिनट पहले नोटिस दिया गया था। जबकि निगम का कहना था कि निगम मकान के हकदारों को 7 दिन पहले नोटिस भेजा जा चुका है इसलिए कोर्ट के आदेशों की पालना तो करनी पड़ेगी । लोगो के बीच से निकल ज्वांइट कमिश्नर जैसे ही मकानों की तरफ बढ़ी तो कालोनीवासियों ने मानव श्रृंखला बनाकर रास्ता रोक लिया,नाराज किलेवासियों का कहना था कि किसी भी सूरत पर मकान तोड़ने नही दिए जाएंगे। लोगो के गुस्से को देखते हुए फिलहाल निगम द्वारा कार्यवाही रोक दी गयी और किलेवासियों को सप्ताह भर का समय दिया गया है। फिलहाल तो किलेवासी फिर से उजडने के डर से खौफजदा है ।