मेडिकल क्षेत्र में प्रशंसनीय कार्यों के लिए जाने जाते है डाक्टर सुखबीर सिंह

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सुमित / पानीपत – पानीपत जिले के परधाना गाँव में देश की आजादी के बाद 1948 में किसान परिवार में जन्मे हेल्थ यूनिवर्सिटी रोहतक के पूर्व वाइस चांसलर डाक्टर सुखबीर सिंह सांगवान मेडिकल क्षेत्र में सेवा करने के साथ साथ राजनीतिक क्षेत्र में भी सेवा का मन बना रहे है उनकी नजर पानीपत जिले की पानीपत ग्रामीण विधानसभा लगी हुई है इसी को मद्देनजर रख कर उन्होंने पानीपत जिले के सबसे बड़े गाँव व् जीटी रोड पर बसे गाँव सिवाह के नजदीक निजी अस्पताल स्थापित कर मेडिकल सेवायें देनी शुरू की हैं लेकिन डाक्टर साहब अपने राजनैतिक गुरु पूर्व  सीएम हुड्डा का इशारा मिलते ही राजनीति के मैदान में उतर सकते हैं और पानीपत ग्रामीण विधानसभा की सीट से चुनाव लड़ने की इच्छा पाले धुरंधरों की राह में मुश्किल पैदा कर सकते हैं  l

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री के बेहद करीब माने जाने वाले डाक्टर सुखबीर सिंह का जीवन बेहद सादा रहा है । बचपन से ही उनके विचार कामरेड पृष्टभूमि के रहे है एमबीबीएस की पढ़ाई के दौरान भी हॉस्टल की बजाय घर का बना खाना लेकर जाते थे। उन्होंने पढ़ाई और 44 साल की ड्यूटी के दौरान अपने काम के इलावा किसी लेनदेन व् सिफारिश में विशवास नहीं रखा। पूर्व वीसी ने पाने विचार रखते हुए बताया की उन्होंने चाय का सेवन भी हेल्थ यूनिवर्सिटी के वीसी बनने के बाद किया।  शुरू से ग्रामीण माहौल में रहने के बाद  व् मेडिकल लाइन में इतनी उचाइयां छूने के बाद  आज भी उनका ग्रामीण परिवेश से नाता बरकरार है पानीपत का गाँव परधाना आज भी उनके नाम से या उसकी धार्मिक आस्था के नाम से जाना जाता है । डाक्टर सुखबीर  ने हड्डी रोग विशेषज्ञ व् एक मेडिकल प्रोफेसर  के रूप में कई आयाम स्थापित किये जिसके कारण हरियाणा के मुख्यमंत्री के हाथो सम्मान मिलने  के साथ साथ पूर्व राष्ट्र्पति एपीजे अब्दुलकलाम ने भी उनकी सेवाओं के प्रति सम्मानित किया गया और पूर्व राष्ट्रपति श्री मति प्रतिभा पाटिल ने मेडिकल लाइन के सर्वोच्च नेशनल पुरुष्कार  डॉ  बीसी राय  अवार्ड से सम्मानित किया। उनके जीवन का,’ मूल मंत्र रहा हे- ” तेरी कृपा बिन, हे प्रभु सब काम अधूरे ”

मेडिकल सेवा के दौरान लेकर चले अपने मूलमंत्र यानी # “तेरी कृपा बिन, हे प्रभु सब काम अधूरे “# इसी मूलमंत्र को लेकर राजनीति में कदम रखने का मन बना चुके है उनका मानना है  जब प्रभु की इच्छा होगी तभी यह संभव हो पायेगा। डा सांगवान का कहना है  मनुष्य को कृतघ्न नहीं होना चाहिए यह बात उन्हें अपने राजनैतिक गुरु हुड्डा के संबंध में कही क्योकि 2014 में हरियाणा विधानसभा चुनावों के दौरान चुनावी मैदान में उतरने का पूरा मन चुके डा सांगवान को कांग्रेस पार्टी की टिकट नहीं मिली इसलिए उन्होंने चुनाव के विचार को त्याग दिया उनका बातचीत के माध्यम  से स्पष्ट मानना है कि जब तक उन्हें पूर्व सीएम हुड्डा से ह्री झंडी नहीं मिलेगी वो पार्टी की टिकट नहीं दिलाएंगे वह उनसे बाहर नहीं जाएंगे। लेकिन गाँव सिवाह के नजदीक जीटी रोड पर  पुलिस लाइन के पास करोड़ो की लागत से बनाये अत्याधुनिक उपकरणों से सुसज्जित अपने निजी हस्पताल में फ्री ओपीडी और गरीब लोगो का रियायती दरों पर उपचार जारी रखा ताकि लोगो में उनकी लोकप्रियता बनी रहे अन्यथा खेतो में अत्याधुनिक अस्पताल खोलकर प्रदेश का नामी हड्डी रोग विषेशज्ञ क्यों इस तरह सेवाएं देगा।

आज भी जब पूर्व वीसी डाक्टर से राजनीति में उतरने की बात की गई तो उनका कोई स्पष्ट जवाब नहीं है लेकिन एक बात कहते है सभी प्रोग्रेस करना चाहते है आप भी चाहते है ऐसा कौन इंसान है अपॉरच्युनिटी मिलने पर जो आगे नहीं बढ़ना चाहेगा और किसको प्रशंसा नहीं चाहिए। लेकिन सांगवान पूरी तरह से राजनीति में उतने का मन बना चुके है इसमें कोई शक नहीं है क्योकि जब उनके बेटे से इस संबंध में बात की गई तो उन्होंने भी इसकी हामी भरी।  सम्मान की बात पर उन्होंने कहा की अध्यापन की लाइन में राजनीति से ज्यादा मान सम्मान मिलता है  अपने  स्कूली जीवन के बारे में बताते हए उन्होंने कहा अध्यापक जब उन्हें मुर्गा बनाते थे तो आधा आधा घंटा कान पकड़वाकर भूल जाते थे लेकिन फिर सभी अपने टीचर का सम्मान करते थे गुरु की महिमा अलग है।  अब देखते हैं की मेडिकल की सुपर पारी खेलने के बाद डाक्टर साहब की राजनैतिक पारी कैसी रहती है ?