शाहजहांपुर में सड़कों को गढढा मुक्त करने की बजाय सड़क घोटाला

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नंदलाल / शाहजहांपुर – यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने सड़कों को गढढा मुक्त करने के आदेश दिये है। लेकिन सीएम के इसी आदेश के बावजूद शाहजहांपुर में एक करोड़ से ज्यादा का सड़क  घोटाला कर देने की बात सामने आयी है । यहां मण्डी परिषद ने चार महीने पहले बनी पीडब्ल्यू की पांच नई सड़कों पर अपनी फर्जी सड़के बना डाली और एक करोड़ 25 लाख का भुगतान कर दिया। इस पूरे घोटाले में जिलाधिकारी की भूमिका सबसे संदिग्ध मानी जा रही है क्योकि सड़के बनाने की संतुति खुद डीएम ने की है। घोटाले के खुलासे के बाद से मण्डी परिषद और पीडब्ल्यू में हड़कम्प मचा हुआ है। फिल्हाल घोटाले के इस मामले में जांच के बादेश दे दिये गये हैं।

जिस सड़क पर तारकोल डाला जा रहा है ये एक घोटाले की सड़क है क्योकि इसी सड़क को पीडब्ल्यू ने महज चार महीने पहले की बनवाया था। अब इसी सड़क पर मण्डी परिषद का निमार्ण विभाग इस पर तारकोल डाल रहा है। इस सड़क के लिए विभाग ने बाकायदा 12 लाख रूपये भी जारी कर दिये है। 12 सौ मीटर लम्बी ये कोई अकेली सड़क नही है। बल्कि मण्डी परिषद ने पीडब्ल्यू की ही चार महीने पहले बनी पांच सड़को पर टेन्डर जारी करके कागजों में अपना निर्माण दिखा दिया। दरअसल सीएम योगी ने यूपी के सभी जिलों में सड़कों को गढढा मुक्त करने और तेजी से सड़के बनाने के निर्देश दिये है। इसी का फायदा मण्डी परिषद के निर्माण विभाग ने 54 सड़कों के निर्माण  की फाईल जिलाधिकारी को दी जिस पर जिलाधिकारी ने हस्ताक्षर करके सड़के बनवाने की संतुति दे दी। इसके बाद मण्डी परिषद ने अपना खेल शुरू कर दिया। मण्डी परिषद ने अपने चहेते ठेकेदार को सवा करोड़ की लागत से बनने वाली पांच सड़को का टेन्डर दे दिया। ये टेन्डर उन पांच सड़को का दिया गया जिसे पीडब्ल्यू ने चार महीने पहले की बनाया। मण्डी परिषद ने कागजों में उन्हे अपनी सड़के दर्शा दी। स्थानीय लोगों की माने तो जिस सड़क पर तारकोल डाला जा रहा है उस सड़क को बने हुई चार महीने ही हुए है लेकिन यहां खुला गोलमाल किया जा रहा है। वहीं सड़क बना रहे ठेकेदार के कर्मचारी भी इसे गोलमाल की सड़क बता रहे हैं।

चार महीने पहले नई बने पीडब्ल्यू की पांच सड़को को कागजों पर अपनी सड़के बताने वाले मामले के खुलासे के बाद मण्डी परिषद में हड़कम्प मचा हुआ है। अब अधिकारी इसे अपनी गलती बता रहे है और पीडब्ल्यू पर आरोप लगा रहे है। बहाने सुनकर तो आप भी हैरान रह जायेंगे।

मण्डी परिषद ने पूरे जनपद में 54 सड़को को बनाने का टेन्डर जारी किया है जिनमें बड़े पैमाने पर खेल चल रहा है। खास बात ये है कि इस सभी सड़को को बनाने की संतुति डीएम ने की है और उनके हस्ताक्षर के बाद ही ठेकेदारों को डेन्डर देकर पैसा जारी किया है। जिलाधिकारी खुद स्वीकार कर रहे है कि पीडब्ल्यू की सड़को पर मण्डी परिषद ने कागजों में अपना निर्माण दिखा दिया। फिल्हाल अब खुद जिलाधिकारी ने एडीएम को पूरे घोटाले की जांच के आदेश दिये गये हैं।