श्रृद्धा से दी हुई वस्तु कीमती हो जाती है – महंत ओम प्रकाश शास्त्री सिंधी समाज द्वारा 96 विद्यार्थीयों को 4500 पाठ्य सामग्री वितरित

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अजमेर – सिन्धी समाज महासमिति द्वारा आज समाज के 96 विद्यार्थीयों को 4500 पाठ्य सामग्री का वितरण स्वामी कॉम्पलेक्स के चतुर्थ तल पर आयोजित कार्यक्रम में किया गया।
इस अवसर पर स्वामी बसंत दरबार दिल्ली गेट के महंत ओम प्रकाश शास्त्री ने कहा कि श्रृद्धा से दी हुई वस्तु कीमती हो जाती है, समाज के प्रमुख संस्थाओं व व्यक्तियों द्वारा दी हुई यह पाठ्य सामग्री प्राप्त कर  नई ऊर्जा व उमंग से इस वर्ष लगन से पढ़ाई कर समाज व शहर का नाम रोशन करें ओर उन्होने यह भी कहा कि विद्यार्थीयों को बड़े लक्ष्य निर्धारित करने चाहिए।
स्वागत भाषण देते हुए गिरधर तेजवानी ने कहा कि यदि बालक एक गलती करता है तो उसके परिणाम भविष्य में उसे भुगतने होते है। उन्होने कहा अपने समय का सदुपयोग, सकारात्मक सोच व पढ़ाई पर करना चाहिए।
मंच संचालन करते हुए हरी चन्दनानी ने कहा कि समाज के जो विद्यार्थी पढ़ाई में अव्वल दर्जा लाते है उनके साथ समाज हर तरह खड़ा रहकर उनके अभिभावक की भूमिका अदा करता है। धन्यवाद देते हुए संस्था के अध्यक्ष कंवल प्रकाश ने कहा कि हमारी संस्था स्वामी हिरदाराम जी के बताये मार्ग पर कार्य कर रही है, उनके ध्येय ‘‘वाक्य बूढ़ा बच्चा और बीमार है परमेश्वर के यार, करो भावना से सेवा इनकी पाओगें लोक परलोक में सुख अपार’’ की अनुपालना करते हुए इन बच्चों के लिये जो हमारा कर्तव्य है उसे निभाने का सामूहिक प्रयास कर रहे है।
कार्यक्रम के प्रारम्भ में मां सरस्वती, ईष्ट झूलेलाल व स्वामी हिरदाराम जी के चित्र पर दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की विधिवत शुरूआत की। इस पूरे अनुष्ठान में सांई बाबा मंदिर के आशीर्वाद से, डॉ. कन्हैयालाल जीलाल चेरिटेबल ट्रस्ट और स्वामी माधवदास जी के आशीर्वाद से प्रेम प्रकाश आश्रम ट्रस्ट व स्वामी हिरदाराम के आशीर्वाद से सिंधी समाज महासमिति, श्री रामचन्द्र हरवानी व माता पार्वती की याद में नारायणदास हरवानी परिवार व अन्य समाजसेवियों ने इस पाठ्य सामग्री में अपना योगदान दिया।
 
इस अवसर पर दादा नारायणदास, नारायण हरवानी, महेश तेजवानी, विमला नागरानी, लाल नाथानी, एम.टी. वाधवानी, प्रकाश छबलानी, किशनचन्द हरवानी, प्रेम केवलरमानी, ईसर भम्भानी, रमेश टिलवानी, किशोर मंगलानी, दिलीप भूरानी, गोप मिरानी, हरीश गिदवानी पेनवाला, श्रीचन्द साधवानी, उत्तम गुरबक्षानी आदि उपस्थित थे।