हल्द्वानी (उत्तराखंड) – RTI से खुलासा – आईपीएस अफसरों की संपत्ति विवरण पुलिस मुख्यालय में नहीं

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रिपोर्ट- अंकित साह /हल्द्वानी – प्रदेश की जीरो टॉलरेंस की बात करने वाली त्रिवेंद्र सरकार के अफसर अपनी संपत्ति का विवरण सार्वजनिक करने से कतरा रहे हैं l प्रदेश के कुछ आईएएस अफसरों द्वारा अपनी संपत्ति का विवरण नहीं देने का आरटीआई से हुए खुलासे के बाद अब उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय अपने आईपीएस अफसरों को अपनी संपत्ति का ब्यौरा सार्वजनिक करने से यह कहते हुए मना कर दिया है कि आईपीएस अधिकारियों का सम्पति  विवरण ऑनलाइन उपलब्ध है l आईपीएस अफसरों की संपत्ति विवरण पुलिस मुख्यालय में नहीं है l
आरटीआई कार्यकर्ता हेमंत गोनिया ने आईएएस अधिकारी के बाद पुलिस के आईपीएस अधिकारी की संपत्ति को सार्वजनिक करने की सूचना आरटीआई के अंतर्गत 5 मई 2018 को पुलिस मुख्यालय से मांगा था जिस पर पुलिस मुख्यालय के लोक सूचना अधिकारी दिलीप सिंह कुंवर ने बताया  है कि वर्तमान में प्रदेश में 53 आईपीएस अधिकारी है l  2016 -17 का संपत्ति विवरण ऑनलाइन भरे जाने के कारण पुलिस मुख्यालय में उनका कोई विवरण नहीं है l उनके पास इन आईपीएस अधिकारी की संपत्ति की कोई जानकारी नहीं है l आरटीआई कार्यकर्ता हेमंत गोनिया कहना है कि पुलिस मुख्यालय सूचना का अधिकार अधिनियम का खुलेआम उल्लंघन कर रहा है l
पुलिस मुख्यालय संपत्ति का ब्यौरा ऑनलाइन देखने की बात कर रहा है लेकिन मुख्यालय ने इसकी वेबसाइट तक भी उपलब्ध नहीं करा पाया l ऐसे में सूचना का अधिकार अधिनियम का उल्लंघन करने को लेकर अपील कर रहें हैं  l  गोनिया ने कहा कि विभाग अपने वेतन सहित अन्य खर्चे को मेंटेन रखता है लेकिन अपनी संपत्ति को  सार्वजनिक करने का उनके पास कोई रिकॉर्ड नहीं होना भ्रष्टाचार को दर्शाता है l  गौरतलब है कि हेमंत गोनिया ने पूर्व में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के चाय-पानी खर्चे सहित दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के चाय- पानी के खर्चे के खेल को सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत  उजागर कर चुके हैं  l