9 साल बाद भी नहीं मिला इंसाफ, 70 लोगों की गई थी जान

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जयपुर –  जयपुर में 13 मई 2008 को परकोटे के भीड़भाड़ वाले बाजारों में एक के बाद एक आठ विस्फोटों ने पूरे शहर को दहला दिया था। आज उन स्थानों पर वही भीड़भाड़ है, चहल-पहल है। इसके बावजूद नौ साल पहले मिला दर्द भुलाया नहीं जा सका।  बमकांड की नौंवी बरसी पर भी आतंक के तीन गुनहगार अभी तक पुलिस की पकड़ से बाहर है l

सांगानेरी गेट स्थित हनुमान मंदिर में आज भी हादसे के निशान हैं। मंदिर के महंत भंवर लाल शर्मा उस पल को याद करते हुए कहते हैं कि दुग्धाभिषेक चल रहा था। महाआरती से 15 मिनट पहले विस्फोट हुआ। हर तरफ चीख-पुकार मच गई। मंदिर के दरवाजे और पास बनी प्याऊ पर अभी भी छर्रों के निशान हैं। पास में ही पान की दुकान लगाने वाले बाबूलाल ने इस हादसे में अपने भाई को खोया है। वह कहते हैं कि जब विस्फोट हुआ तो हम समझ ही नहीं पाए थे कि आतंकी वारदात है।

बम धमाके के तीन गुनहगार आतंकी 9 साल बाद भी राजस्थान एटीएस और एनआईए की पकड़ में नहीं आए हैं। इन आतंकी आरिज खान, मो. खालिद और बड़ा साजिद के उत्तर प्रदेश में रहने वाले परिजनों पर राजस्थान और उत्तर प्रदेश एटीएस की नजर है। कुछ माह पहले आतंकी बड़ा साजिद के सीरिया में मारे जाने की खबरें आईं। लेकिन राजस्थान एटीएस का कहना है कि इसकी सरकारी तौर पर या फिर उसके परिजनों की तरफ से पुष्टि नहीं की गई है। बमकांड की बरसी की पूर्व संध्या पर कई जगह श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया।