करनाल – मुख्यमंत्री ने करनाल के नए बस अड्डे का नामकरण किया शहीद मदन लाल ढींगड़ा के नाम से

0
144

करनाल – मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि अपने लिए सब जीते हैं, संघर्ष करते हैं, परंतु नाम उन्हीं का अमर होता है, जो देश के लिए जीते हैं ओर देश के लिए मर-मिटते हैं। शहीद मदन लाल ढींगड़ा ऐसे ही महान देशभक्तों में से एक थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि अमर शहीद मदन लाल ढींगडा की प्रतिमा का अनावरण करते हुए उन्हें बहुत खुशी हो रही है। उन्होंने इस मौके पर भारत माता के इस महान सुपूत को नमन किया और आप सबको हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सोमवार को करनाल के नए बस अड्डे का नामकरण शहीद मदन लाल ढींगड़ा के नाम से किया और बस स्टैण्ड पर ही शहीद मदन लाल ढींगड़ा की प्रतिमा का अनावरण किया, ताकि यहां से गुजरने वाले हर व्यक्ति को भारत माँ के उस महान सुपूत को याद दिलाती रहेगी और नई पीढ़ियों को ऐसे महान सुपूत से देशभक्ति, त्याग और कुर्बानी की प्रेरणा मिलती रहेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह महान सुपूत ने देश की आजादी के लिए 22 वर्ष की छोटी आयु में हंसते-हंसते फांसी के फंदे पर चढ़ गए और फांसी पर चढ़ते हुए शहीद ढींगड़ा ने कहा था कि भारत माता की गुलामी की जंजीरो से मुक्त करवाने के लिए अगर मुझे 100 बार भी फांसी पर चढना पड़े, तब भी मैं चढूगाँ। वह फांसी पर चढ़ते समय मुस्कुराते रहे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा देश की एकता एवं अखंडता के लिए शहीद होने वाले बहादुर सैनिको को सम्मान देने में अग्रिम पंक्ति में रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में शहीद होने वाले सैनिको की याद को चिरस्थाई रखने के लिए अम्बाला में 22 एकड़ भूमि पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर का एक शहीदी स्मारक बनाया जा रहा है, जो भावी पीढ़ी को देशहित के लिए त्याग, सेवा और कुर्बानी की प्रेरणा देता रहेगा। उन्होंने कहा कि भूतपूर्व सैनिको और उनके आश्रितों को दी जाने वाली पेंशन और आर्थिक सहायता में बढ़ोतरी की गई है। पिछले 5 सालो में 320 शहीदों के आश्रितों को विभिन्न विभागों में सरकारी नौकरी दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने ना केवल स्वतंत्रता सैनानियों, भूतपूर्व सैनिको एवं सेवारत सैनिकों, अर्ध सैनिक बलो को भी सुविधाएं दी हैं, बल्कि मात्र भाषा हिन्दी के सत्यागृहियों और इमरजेंसी के दौरान जेल जाने वाले प्रजातंत्र के प्रहरियों को 10 हजार रूपये मासिक पेंशन दी है।