आगरा -एसिड अटैक फाइटरों को अंग्रेजी सीखा रही है ताजनगरी की अनुष्का

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रिपोर्ट -नसीम अहमद /आगरा- दुनियाभर में अपनी खूबसूरती के लिए मशहूर ताज़महल शाहजहां की मोहब्बत और मुमताज की यादगार है lआगरा मे ताज के साथ साथ तीन वर्ल्ड हेरिटेज इमारतों के अलावा कई मुगल कालीन इमारतें है जिनका दीदार करने सात समुन्दर पार से लोग आते हैं l ताज के अलावा भी एक कैफे भी ताज के साये में है जो अपनी खुद पहचान है शिरोज कैफे जिसको चला रही है वो शख्सियतें जो एसिड अटैक फाइटरस है. यहां की सबसे ख़ास बात है यहां की होनहार बेटियां। आपको याद होगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक अभियान चलाया था कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ ये अभियान सन्देश के रूप में हर शख्श के जहन में रक्त संचार की तरह दौड़ रहा था। पीएम मोदी की ये मुहिम आगरा की होनहार बेटी अनुष्का मोना मित्तल दे रही है। अनुष्का मोना मित्तल थाना सदर स्थित प्रतापपुरा की रहने वाली है। वह अंग्रेसी में सबसे अव्वल मानी जाती है। जीवन में काफ़ी मेहनत करके एक मुकाम हासिल किया है। आपको बता दें कि ताजनगरी में एक शीरोज हैंगआउट नाम का एक कैफ़े है। यहां कैफे की सबसे खास बात ये है कि इसे चलाने वाली सभी युवतियां और महिलाएं एसिड अटैक सरवाइवर है। ये बेगुनाह महिलाओं का गुनाह ये था कि इन्हें कुदरत ने प्राकृतिक खूबसूरती दी थी। यही वज़ह रही कि इनपर एसिड अटैक हुआ। ख़ैर ये सब हमले आज से कुछ साल पहले के है। फ़िलहाल सरकार ने इसपर रोक लगा दी है। बता दें कि शीरोज कैफे में दर्जनभर एसिड अटैक फाइटर है। इस कैफे में नेता अभिनेता तो आते ही है लेकिन रोज़ देशी विदेशी पर्यटकों का भी आवागमन जारी रहता है। ये ज्यादा पड़ी लिखी नही है इसलिए इन्हें अंग्रेजी की काफी ज़रूरत पढ़ती है। इसलिये अनुष्का मित्तल एसिड अटैक फाइटर को अंग्रेज़ी की ट्यूशन देती है। अनुष्का हर रोज़ कई घन्टे इस कैफ़े में बैठकर करीब 8 एसिड अटैक फाइटर को इंग्लिश की क्लास देती है। इसके बदले में एसिड अटैक सर्वाइवर अनुष्का को काफी प्यार करती है। लगभग 1 साल से ये अंग्रेज़ी पढ़ाने का सिलसिल चल रहा है। इस दौरान अनुष्का मित्तल ने बताया कि उन्हें इस तरह से एसिड अटैक पीड़िताओं को अंग्रेज़ी पढ़ाना अच्छा लगता है। वह बहुत सौभाग्यशाली है जो उन्हें ये अवसर मिला है। वह सभी एसिड अटैक फाइटर को ट्यूशन देती है। अनुष्का मित्तल बताती है कि एसिड अटैक सर्वाइवर की पहले से काफी अच्छी इंग्लिश हो गयी है। ये अंग्रेजी बोलना उनके लिए बहुत ज़रूरी है क्योंकि कैफ़े में काफी संख्या में विदेशी आते है जिसके लिये उनसे ऑर्डर लेना होता है। बहुत खुशी मिलती है इस तरह की समाज सेवा करने में और एक सुख का एहसास होता है। कहा कि ये एसिड अटैक के बाद भी संघर्ष कर रही है। इनसे समाज को एक सीख लेनी चाहिये और इस तरह के हमला करने वालों पर सरकार सख़्त कार्यवाही करें।