करनाल -हमारे लिए जाति का मतलब केवल हरियाणवी व परिवारवाद का मतलब पूरे प्रदेशवासी है : मुख्यमंत्री

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करनाल – हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि पिछली सरकार में क्षेत्रवाद, जातिवाद और परिवारवाद की राजनीति होती थी। हम भी क्षेत्रवाद, जातिवाद और परिवारवाद पर भरोसा करते हैं, लेकिन अंतर केवल परिभाषा का है। पहले की सरकार में क्षेत्रवाद का मतलब उनका विधानसभा क्षेत्र होता था, लेकिन हमारे लिए क्षेत्रवाद यानी पूरा हरियाणा हमारा क्षेत्र है। इसी प्रकार, जाति का मतलब हमारे लिए 36 बिरादरियां हैं और परिवारवाद का मतलब पूरे प्रदेशवासी हमारा परिवार है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में सत्ता में आते ही सबसे पहले हरियाणा एक-हरियाणवी एक का नारा दिया था। इसी मूलमंत्र पर लगातार चलते हुए हम सब मिलकर हरियाणा और यहां के नागरिकों के कल्याण के लिए कार्य कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री कल देर रात करनाल में एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि पिछले साढ़े 8 साल के कार्यकाल में प्रदेश सरकार ने भौतिक विकास के साथ-साथ नागरिकों को सुविधाएं देने का काम किया है। हालांकि, यह निरंतर चलने वाला काम है, इसलिए अभी और भी बहुत कुछ करना बाकी है।
विपक्ष द्वारा स्वास्थ्य के लिए केवल 300 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान करने के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष के लोग आंकड़े सही नहीं पढ़ते हैं। 300 करोड़ रुपये केवल परिवार कल्याण मद में लिखा है। स्वास्थ्य के लिए कुल बजट 9604 करोड़ रुपये है।
उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ के स्टैंडर्ड के हिसाब से राज्य में 28 हजार डॉक्टरों की आवश्यकता है। प्रदेश में प्राइवेट चिकित्सक मिलाकर 13 हजार डॉक्टरों की संख्या है। चिकित्सकों की संख्या को बढ़ाने के लिए राज्य सरकार विभिन्न कदम उठा रही है। हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज खोला जा रहा है। सभी जिलों में कॉलेज स्थापित होने से प्रदेश में एमबीबीएस की सीटें बढ़ेंगी। वर्ष 2014 में हरियाणा में 700 एमबीबीएस की सीटें थीं और आज इस साल 1835 सीटों पर ऐडमिशन हुआ है। उन्होंने कहा कि एलोपैथी के साथ-साथ हम आयुर्वेद को भी बढ़ावा दे रहे हैं। इसके लिए हर गांव में वेलनेस सेंटर खोल रहे हैं।

विपक्ष द्वारा हरियाणा में बेरोजगारी ज्यादा होने के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष सीएमआईई संस्था के बेरोजगारी के आंकड़ों की बात करता रहता है। यह एक निजी संस्था है। यह संस्था कभी 24, कभी 34 और कभी 27 प्रतिशत बेरोजगारी दर्शाती है। उसके आंकड़ों पर भरोसा नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि परिवार पहचान पत्र पर एक-एक परिवार का डाटा है और इस डाटा में जो बेरोजगार हैं, उन लोगों ने स्वयं घोषित किया है। इसके अनुसार प्रदेश में लगभग 5-6 प्रतिशत बेरोजगारी है। बेरोजगारी दर को कम करने के लिए भी लगातार रोजगार के अवसर प्रदान किए जा रहे हैं।
‘कर्ज को लेकर विपक्ष तथ्यों से परे, राज्य सरकार तय सीमा के अंदर ले रही ऋण
विपक्ष द्वारा सरकार पर 4 लाख करोड़ रुपये के कर्ज के दिए गए बयान पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्ज को लेकर विपक्ष के आंकड़े सही नहीं हैं। पिछली सरकार वर्ष 2014-15 में बजट में 71000 करोड़ का कर्ज छोड़ कर गए थे। साथ में पावर डिपार्टमेंट की चार कंपनियों का मिलाकर घाटा 31,000 करोड़ रुपये था। इस घाटे को जोड़ लें तो कर्ज 1 लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा होता है। लेकिन हमने बिजली कंपनियों का 27000 करोड़ रुपये का कर्ज राज्य के बजट में लिया। अब विपक्ष के लोग बिजली कंपनियों के 31000 करोड़ की बात ही नहीं करते हैं। राज्य में बिजली की स्थिति को सही रखने के लिए यह करना आवश्यक था, वरना बिजली कंपनियां बंद हो जाती। उन्होंने कहा कि आज हम 5600 गांवों को 24 घंटे बिजली दे रहे हैं। जबकि पंजाब को अपने कार्यालयों के टाइम बदलने पड़ रहे हैं। हमारे यहां स्थितियां सही है।
उन्होंने कहा कि कोई भी सरकार जीएसडीपी के 25 प्रतिशत तक कर्ज ले सकती है और हम इस सीमा के अंदर ही हैं। कांग्रेस के समय राज्य की जीएसडीपी 3 लाख करोड़ थी, उसके हिसाब से उन्होंने ऋण लिया हुआ था। लेकिन आज हमारे प्रयासों से जीएसडीपी 10 लाख करोड़ तक पहुंच गई है। इस जीएसडीपी के अनुसार ही हम ऋण ले रहे हैं। इसके अलावा, एफआरबीएम के अनुसार कर्ज 3 प्रतिशत के अंदर होना चाहिए, हमारा ऋण इस सीमा के अंदर ही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष के नेता कहते थे कि जब उनकी सरकार आएगी तो वे पोर्टल बंद कर देंगे, मैरिट-वैरिट खत्म कर देंगे। लेकिन वास्तव में आम जन को हमारी सरकार की इन नीतियों से फायदा पहुंच रहा है। इसलिए अब विपक्ष के नेताओं ने कहना शुरू कर दिया है कि वे भी मैरिट पर नौकरी देंगे। जो पोर्टल और काम चल रहे हैं, उन्हें ऐसे ही चलने देंगे। इसलिए जनता सब समझ रही है। जनता पिछली सरकारों के कामों को जानती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को वर्ष 2025 तक पूरी तरह से लागू करने का लक्ष्य रखा है। शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए आमूलचूल परिवर्तन किए हैं। प्रदेश में 4000 नए प्ले वे स्कूल खोले जा रहे हैं। स्थानीय भाषाओं में पाठ्यक्रम शुरू हो रहे हैं। अब इंजीनियरिंग के पाठ्यक्रम हिन्दी में शुरू किये हैं। शिक्षा क्षेत्र में सेल्फ फाइनैंसिंग सिस्टम को लागू कर रहे हैं ताकि शिक्षण संस्थान आत्मनिर्भर बनें। हालांकि गरीब बच्चों को पढ़ाने के लिए जितना खर्चा होता है वो सरकार दे रही है।
उन्होंने कहा कि बच्चों को जॉब सीकर की बजाय जॉब गिवर बनाने के लिए स्कूल से लेकर कॉलेज तक स्किलिंग को शिक्षा से जोड़ा जा रहा है। प्रदेश में संस्कृति मॉडल स्कूल खोले हैं, जहां बच्चों को गुणवत्तापरक शिक्षा प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर में पीएम श्री स्कूल खोलने की घोषणा की है। प्रदेश सरकार भी हर ब्लॉक में लगभग 300 ऐसे स्कूल खोलने पर विचार कर रही है।
उन्होंने कहा कि गरीब परिवारों के बच्चे यदि निजी स्कूल में पढ़ना चाहते हैं तो उनके लिए चिराग योजना चलाई है। इसके तहत बच्चों की फीस सरकार द्वारा वहन की जा रही है। पहली से पांचवीं तक 700 रुपये, आठवीं कक्षा तक 900 रुपये और बारहवीं कक्षा तक 1100 रुपये प्रति माह फीस सरकार की ओर से दी जा रही है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के स्कूलों में टीचर्स की कमी नहीं है। कांग्रेस के कार्यकाल में जेबीटी की 2 बार भर्ती हुई थी। दोनों भर्तियों से संबंधित मामले कोर्ट में गए। अब हमारी सरकार ने उन जेबीटी टीचर्स को एडजस्ट किया। इसके अलावा, गेस्ट टीचर्स को भी वर्तमान सरकार ने एडजस्ट किया। इसके अलावा, 4000 पीजीटी पदों पर भर्ती के लिए जल्द परीक्षा हो जाएगी।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश सरकार ने निरोगी हरियाणा योजना बनाई है, ताकि हर नागरिक स्वस्थ रहे। इस योजना के तहत लगभग 1 करोड़ से अधिक नागरिकों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा। अभी तक साढ़े 4 लाख लोगों का टेस्ट किया जा चुका है। सभी अस्पतालों, सीएचसी और पीएचसी पर स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है। आने वाले समय में निजी अस्पतालों, लेबोरेट्री के साथ समझौता किया जाएगा, ताकि नागरिकों के टेस्ट जल्द किए जा सकें। इससे किसी भी बीमारी का पता पहले ही लग जाएगा और उसका इलाज समय पर किया जा सकेगा।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हमारी परिवार पहचान पत्र योजना के बारे में अन्य राज्य ही नहीं बल्कि दुनिया के लोग भी पूछ रहे हैं। प्रदेश के लगभग 72 लाख परिवारों का परिवार पहचान पत्र बनाया है। हर परिवार की जानकारी उसमें दर्ज है। परिवार पहचान पत्र के माध्यम से ऑटोमेटिक राशन कार्ड बनाने की प्रक्रिया शुरू की और जनवरी माह में लगभग साढ़े 12 लाख नए राशन कार्ड बने हैं। इसके अलावा पीपीपी से यह आंकड़ा पता लगा है कि प्रदेश में लगभग 3000 से ज्यादा लोग ऐसे हैं, जो सिंगल मेंबर फैमिली हैं और उनकी आयु 80 साल से ऊपर है। अब राज्य सरकार ने ऐसी योजना बनाई है कि ऐसे लोगों की देखभाल सरकार करेगी। इनके लिए सरकार एक आश्रम बनाएगी और उन लोगों की सहमति से उन्हें इस आश्रम में रखेंगे, जहां उनके खान पान स्वास्थ्य सहित मूलभूत सुविधाओं का ध्यान रखा जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान हुआ है। किसानों के साथ सरकार कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। उन्हें पूरा मुआवजा दिया जाएगा। कटाई से पहले गिरदावरी का कार्य पूरा करने के लिए जिला उपायुक्तों को निर्देश भी दिए जा चुके हैं कि वे 500 एकड़ पर एक कंप्यूटर ऑपरेटर रखें जो जल्द से जल्द सारा डाटा दर्ज कर सकें। उन्होंने कहा कि फसल में जो लस्टर लॉस हुआ है, उसकी छूट देने के लिए उन्होंने केंद्रीय खाद्य आपूर्ति मंत्री से बात की है। यह छूट मिलने के बाद लस्टर लॉस के कारण किसानों को नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा।