करनाल – कोरोना ग्रस्त रोगी के ईलाज के लिए हरियाणा सरकार ने किए रेट निश्चित-  उपायुक्त

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करनाल – उपायुक्त करनाल निशांत कुमार यादव ने बुधवार को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग हरियाणा के अतिरिक्त मुख्य सचिव की ओर से प्राप्त एक आदेश के अनुसार, प्राईवेट अस्पताल व मैडिकल कॉलेजो में कोरोना महामारी के ईलाज के लिए निश्चित की गई दरों की जानकारी दी है।
उन्होंने बताया कि आदेशानुसार कोरोना महामारी के चलते अस्पतालों में रोगियों की बढ़त और उन पर पडऩे वाले आर्थिक बोझ को देखते हरियाणा सरकार इस बीमारी से लडऩे के लिए कई उपाय कर रही है, जिसमें प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में नि:शुल्क टैस्ट और ईलाज की सुविधा दी जा रही हैं। दूसरी ओर प्राईवेट अस्पतालों में ऐसे रोगियों के ईलाज को लेकर समानता नहीं है, इसे देखते हुए प्राईवेट अस्पताल व मैडिकल कॉलेजों दी जा रही सुविधाओं की दरों में मानकीकरण लागू करने की आवश्यकता जरूरी बन गई थी।
अतिरिक्त मुख्य सचिव की ओर से जारी आदेशों के हवाले से उपायुक्त ने आगे बताया कि नीति आयोग की सिफारिशों तथा दिल्ली, तामिलनाडू, महाराष्ट्र व तेलंगाना राज्यों की मिसाल को देखते, हरियाणा सरकार ने महामारी अधिनियम-1897 की धारा-2 में दी गई शक्तियों का प्रयोग करते हुए कहा है कि प्रदेश में कोई भी प्राइवेट अस्पताल या मैडिकल कॉलेज कोविड-19 रोगी के ईलाज के लिए नीचे बताई गई दरों से अधिक चार्ज नही कर सकेंगे।
प्राईवेट अस्पताल या मैडिकल कॉलेज की प्रति रोगी प्रति दिन के रेट-
भारत सरकार की एजेंसी एन.ए.बी.एच. से, गैर मान्यता प्राप्त अस्पतालों में मध्यम स्तर की बीमारी के ईलाज के लिए आईसोलेशन बेड (सहायक देखभाल व ऑक्सीजन सहित) 8 हजार रूपये, गम्भीर बीमारी के ईलाज के लिए (आई.सी.यू. बिना वैंटीलेटर केयर) 13 हजार रूपये तथा अति गम्भीर श्वसन लक्षण बीमारी के ईलाज के लिए (आई.सी.यू. वैंटीलेटर केयर के साथ) 15 हजार रूपये निश्चित हैं।
सरकार की एजेंसी से, मान्यता प्राप्त प्राईवेट अस्पताल व मैडिकल कॉलेज में मध्यम स्तर की बीमारी के ईलाज के आईसोलेशन बेड (सहायक देखभाल व ऑक्सीजन सहित) 10 हजार रूपये, गम्भीर बीमारी के ईलाज के लिए (आई.सी.यू. बिना वैंटीलेटर केयर) 15 हजार रूपये तथा अति गम्भीर श्वसन लक्षण बीमारी के ईलाज के लिए (आई.सी.यू. वैंटीलेटर केयर के साथ) 18 हजार रूपये निश्चित हैं।
उपायुक्त ने बताया कि सरकार की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि दरें एक पैकेज के रूप में हैं, इनमें लैब इन्वेस्टीगेशन, रेडियोलॉजीकल डायग्नोस्टिक, मॉनिटरिंग चार्जि़स, दवाईयां, पीपीई किट/मास्क, आयुष्मान भारत स्कीम तथा सम्बंधित सिविल सर्जन, जहां से केस रैफर हुआ, के पास बिल भेजने जैसे खर्चे लेकिन सीमित नहीं, शामिल हैं। ऐसा व्यक्ति जिसने निजी या परिवार स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी ली हुई हो, वह शर्तों के अनुसार अपना ईलाज करवा सकता है।