मोदी है तो मुमकिन है

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खास रिपोर्ट -मोदी का नया मंत्रिमंडल कल शपथ लेगा जिसमें पहले से किसी के भी मंत्री बनने के कयास लगाना बेमानी होगा l मोदी ने अपने चुने हुए सांसदों को अपने सम्बोधन में साफ साफ कहा है कि सारे मेरे अपने हैं , आपको किसी भी तरह के नकारात्मक कार्य से बचना होगा l मोदी ने नये सांसदों को साफ संदेश दिया कि जो पीछे चलता था अब नहीं चलेगा , केवल अपने कार्य की तराजू पर ही खरा उतरना होगा l

लोकसभा 2019 के आये नतीजे के बाद अब आम लोग भी सीना तानकर कहने लगे हैं कि हमने तो मोदी को वोट दिया है l इसका यह सीधा संकेत है कि जो नेता जनता को मूर्ख समझकर सिर्फ अपना उल्लू सीधा करने में लगे रहते थे l उनको अपने परिवार से ज्यादा कुछ भी नज़र नहीं आता था ,जीत के बाद मोदी के भाषण से उनकी भी अब चार आँखे हो जानी चाहिए l ऐसा बिलकुल नहीं है कि यह चलन केवल विपक्षी पार्टियों पर ही लागू होता है बल्कि यह सत्ता पक्ष पर भी लागू होता है l क्योंकि सत्ता पक्ष में भी अपनों को फायदा पहुंचाने के लिए यहाँ वहां खुद के ही नियम बनाकर फायदा लेने की चर्चा भी लोग चौपाल से शहर के गली बाजार तक सार्वजनिक करते नज़र आते हैं और अब कह रहे हैं अगर मोदी है तो मुमकिन है l क्योंकि पहले पांच साल तो नींव मजबूत करने का कार्य ही हुआ है, पर भ्र्ष्टाचार में कोई संतोषजनक सुधार नहीं हुआ है l अब ऊपर से नीचे तक का सिस्टम भी एक बार गाड़ी की तरह ओवरहीलिंग होने वाला है ताकि यह पता लगे कि सिर्फ कुछ सालों में ही अमुक व्यक्ति इतना दौलतमंद कैसे बन गया ,इसके कारणों का खुलासा भी आम लोग पता करना चाहते हैं l
अब रही बात भाईचारे की ,इस चुनाव में जो जनता ने भाईचारे की मिसाल कायम की है वह समाज के लिए शुभ संकेत माना जा रहा है l नेता बनने के लिए सिर्फ झूठ को ही पी.एच.डी. माना जाता था l यानि भाषणों में सब कुछ हरा हरा और असली जगह शून्य l केवल पिकनिक की तरह लोगों को बहकाकर वोट को अपने पक्ष में करने के लिए चाहे जातपात , धर्म का सहारा लेना पड़े या क्षेत्रवाद का सिर्फ नफरत का बीज बोकर फसल काटने का काम किया जाता रहा l देश के अलग अलग क्षेत्रों में अपने अपने वर्चस्व की लड़ाई लड़कर अपना सम्राज्य स्थापित करने में लगे रहे , देश और जनता की परवाह तक नहीं की l जनता का सिर्फ अपने भले के लिए  इस्तेमाल किया l यह पहला मौका है जब देश की जनता ने क्षेत्रवाद को उखाड़ते हुए ऐसे ऐसे दिग्गजों के किले गिरा दिये जो अपनी जड़ों को पाताल में पहुंचाने का दम भरते हैं l इसलिए सकारात्मक सोच से चलने की जरूरत है l