रिपोर्ट – कान्ता पाल /नैनीताल – कुमाऊं विश्वविद्यालय के डी. एस. बी.परिसर नैनीताल में ‘स्टेटस एंड ऑपर्च्युनिटी इन मेडिकल प्लांट रिसर्च एंड नैचुरल प्रोडक्ट’ विषय पर शोध एवम् प्रसार निदेशालय,कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल द्वारा आयोजित एवम् यु- कॉस्ट द्वारा प्रायोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार आयोजित किया गया। सेमिनार में हिमालयन एरिया में पैदा होने वाले विभिन्न प्रजातियों के औषधीय पौधों की उपयोगिता एवम् उसके व्यवसायिक एवम् रोजगार के महत्व पर चर्चा करते हुए प्रो.रावल ने बताया उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्र से लगातार पलायन होता जा रहा है तथा अधिकतर गांव मानव विहीन हो चुके है जिन्हें घोस्ट विलेज के नाम से जाना जाने लगा है ऐसे क्षेत्रों के लिए मेडिकल प्लांट वरदान साबित हो सकते है , क्योंकि मेडिकल प्लांट की खेती बहुत काम क्षेत्रफल में अधिक लाभदायक होती है, तथा इनकी कीमत परम्परागत खेती से अधिक होती है कम लागत से अत्यधिक लाभ कमाया जा सकता है। ग्रामीण क्षेत्र की आर्थिकी के में मेडिकल प्लांट महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है ,इसके प्रचार एवम् प्रसार कर लोगों को इस और जागरूक करने की आवश्यकता है, ताकि पहाड़ो से पलायन रोका जा सके।