New Delhi – हमारे वीर सैनिकों ने बलिदान देकर चीन को नाकाम कर दिया – PMO ने कहा

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नई दिल्ली – 19 जून को हुई सर्वदलीय बैठक में पीएम नरेंद्र  मोदी की ओर
से दिए गए बयान कि लद्दाख में कोई भी भारतीय सीमा में नहीं घुसा और किसी
भी पोस्ट पर कब्जा नहीं है l  इस बयान पर कांग्रेस के कई नेताओं ने सवाल
उठाए हैं l  इसके बाद प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की ओर से स्पष्टीकरण
जारी किया गया है,  कि प्रधानमंत्री मोदी की वास्तविक नियंत्रण रेखा पर
भारतीय सीमा की ओर चीनी सेना की कोई मौजूदगी न होने वाली टिप्पणियां
सशस्त्र बलों की वीरता के बाद के हालात से जुड़ी हैं l  प्रधानमंत्री
कार्यालय ने जारी बयान में कहा गया है कि सैनिकों के बलिदानों ने ढांचागत
निर्माण और 15 जून को गलवान में अतिक्रमण की चीन की कोशिशों को नाकाम कर
दिया l बयान में कहा गया है कि सर्वदलीय बैठक में पीएम मोदी ने जो कहा है
उस पर जानबूझकर गलत धारणा फैलाई जा रही है, जहां तक एलएसी पर अतिक्रमण की
बात है तो साफ कहा गया है कि गलवान में 15 जून को जो हिंसा हुई उसके पीछे
चीनी सेना की ओर से एक निर्माण की कोशिश थी और जब उनको मना किया गया तो
वो पीछे हटने को तैयार नहीं हुए l

चीन के साथ सीमा पर चल रहे तनाव को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने
सर्वदलीय बैठक बुलाई थी l प्रधानमंत्री ने बैठक में यह दावा किया था कि
हमारी जमीन में कोई न घुसा है, न घुसा था l इस बयान को आधार बनाकर
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि पीएम ने चीन
के आक्रामक रवैये के सामने देश की जमीन सरेंडर कर दी है l  राहुल ने कई
सवाल भी खड़े किए l इन तमाम सवालों के बीच प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ
से स्पष्ट जवाब दिया गया है l

पीएमओ की ओर से जारी बयान में यह भी कहा गया है सर्वदलीय बैठक में यह
स्पष्ट कर दिया गया था कि सरकार लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) में कोई
एकतरफा बदलाव नहीं होने देगी। प्रधानमंत्री का स्पष्ट रुख है कि वास्तविक
नियंत्रण रेखा (एलएसी) को पार करने की किसी भी कोशिश का मजबूती से जवाब
दिया जाएगा।

बयान में कहा गया, ”यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि ऐसे समय में प्रधानमंत्री
की टिप्पणियों पर अनावश्यक विवाद पैदा किया जा रहा है जब वीर सैनिक हमारी
सीमाओं की रक्षा कर रहे हैं।” सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री की
टिप्पणियां गलवान में 15 जून को हुई घटनाओं पर केंद्रित थी जिसमें 20
सैनिकों को जान गंवानी पड़ी।