पानीपत – शिकायत के बाद भी भाजपा नेता के खिलाफ मामला दर्ज नहीं होने पर प्रदर्शन

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रिपोर्ट प्रवीण भारद्वाज /पानीपत -सरकार पानीपत सहित अन्य तहसीलों में 22 जुलाई से रजिस्ट्री बंद है। दूसरी ओर नायब तहसीलदार की शिकायत के ढाई माह बाद भी वार्ड-8 की पार्षद चंचल सहगल के पति व भाजपा नेता विजय सहगल पर रजिस्ट्री में फर्जीवाड़े का केस दर्ज नहीं हुआ है। अब इसके खिलाफ शहर के युवा संगठन ने आज लघु सचिवालय के बाहर धरना-प्रदर्शन कर प्रशासन का पुतला भी फूंका। युवा संगठन ने जल्द कार्रवाई नहीं होने पर मुख्यमंत्री के पानीपत आगमन पर काले झंडे दिखाने की चेतावनी दी है।

पानीपत में बीजेपी नेता  एवं पार्षद पति विजय सहगल पर अधिकारियों के साथ मिलकर  फर्जी तरीके से  सरकारी जमीन अपने नाम करने के आरोप लगे हैं । जिसमें कोई कार्रवाई नहीं होने के चलते युवाओं ने नाराजगी दिखाई युवाओं ने आरोप लगाए कि पार्षद पति  लगातार अपनी कार्यप्रणाली को लेकर सुर्खियों में रहते हैं 29 जून को ही नायब तहसीलदार अनिल कौशिक ने सिटी एसएचओ को लिखित शिकायत देकर विजय सहगल व उनके पिता दौलतराम पर केस दर्ज करने को कहा था, लेकिन अब तक पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की।

इस बारे मे अधिकारी भी  मौन है  उनका कहना है कि जांच चल रही है। पानीपत सहित प्रदेश की सभी तहसीलों में पिछले ढाई साल (3 अप्रैल 2017 से 31 दिसंबर 2019 तक) में हुई रजिस्ट्री की जांच चल रही है।

बताया जा रहा है ,17 मार्च 2020 को वार्ड-8 की पार्षद चंचल सहगल के पति विजय सहगल के नाम से उनके पिता दौलत राम ने वार्ड-12 स्थित 25 वर्ग गज में बनी एक दुकान नंबर 145 ट्रांसफर डीड कर दी। जांच में पता चला कि जो रजिस्ट्री पेश की गई, वह दौलतराम की नहीं रामनगर के नेबराज के नाम है। जांच में पाया गया कि सबूत के तौर पर जिस रजिस्ट्री की कॉपी तहसील में पेश की गई, वह 22 मई 1982 की है। जो राम नगर के नेबराज के नाम से है। सहगल ने नेबराज की जगह अपने पिता दौलतराम का नाम स्कैन करके रजिस्ट्री की कॉपी तहसील में पेश कर दी। जिस आधार पर दौलतराम ने अपने पुत्र विजय सहगल के नाम प्रॉपट्री ट्रांसफर कर दी।