नैनीताल- उत्तराखंड में हर्षोल्लास से मनाया गया लोक पर्व फूलदेई त्यौहार

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रिपोर्ट -कांता पाल /नैनीताल- चैत्र मास की प्रथम तिथि को मनाए जाने वाले प्रकृति और मानव से जुड़ा अनूठा त्यौहार उत्तराखंड का लोक पर्व फूलदेई त्यौहार को आज सुबह से ही बच्चों ने घर-घर जाकर सबकी देहरियों पर नाना प्रकार के एकत्रित किए हुए फूलों को बड़े ही हर्षोल्लास के साथ डालकर इस त्योहार से जुड़े हुए सबकी खुशहाली के लोकगीतों को गाया और इसके बदले में हर घर से नन्हे मुन्ने बच्चों को मिठाइयां,चावल, गुड़ और रुपए दिए गए। उत्तराखंड का फूलदेई त्यौहार सदियों से चले आ रहे प्रकृति और मानवीय समरसता को जोड़ने वाला लोकपर्व है। बसंत ऋतु के आगमन से ही उत्तराखंड में विभिन्न प्रकार के फूलों की बहार भी शुरू हो जाती है और इन्हीं फूलों को यहां बच्चों ने कल एकत्रित किए।यह फूलदेई त्यौहार उत्तराखंड में लगातार बीस दिनों तक अलग-अलग स्थानों पर मनाया जाता है जिसमें मानव, प्रकृति और पशुओं तक की पूजा अर्चना भी की जाती है। बसंत ऋतु के दरमियान पेड़-पौधों पर आने वाली नई कोंपलों में जहर होने की भी आशंका बनी रहती है साथ ही जंगल में मवेशियों को चुगाते समय बाघ,हिंसक जानवरों के हमलों और नई उग आई कोंपलों के जहर से अपने मवेशियों को बचाने के लिए बच्चों के साथ बड़े बुजुर्ग भी इन सबकी पूजा अर्चना कर विभिन्न प्रकार के पकवान भी परोसते हैं।आज बच्चों की खुशी का तो कोई ठिकाना ही नहीं है कुल मिलाकर आज यह फूलदेई त्यौहार पूरे उत्तराखंड में हर तरफ उमंग और उत्साह से मनाया जा रहा है और सभी एक दूसरे को बधाई और शुभकामनाएं दे रहे हैं।