किशोर / अजमेर – आज हम आपको एक अनोखे गांव की कहानी बताने जा रहे है जो है तो एक गांव की तरह ही, लेकिन इस गांव में करीब 250 से ज्यादा परिवार रहते है और वो सब एक ही परिवार के लोग हैं लेकिन आज तक इस गांव के लोग अपने घरो को पक्का नहीं बना पाए है इस गांव में जितने भी घर है सभी कच्चे है केलु से घरो पर छत डाली जाती है इसके अलावा जो घरो में आँगन है वो भी मिटटी के बने हुए है ऐसा नही है की इस गांव के लोगो के पास पक्का घर बनाने के पैसे नहीं है बल्कि आर्थिक रूप से अगर देखा जाए तो इस गांव के लोग पूरी तरह से संपन्न है लेकिन इसके बावजूद ये लोग आज तक अपने घरो को पक्का बनाने से डरते है और तो और इस गांव में किसी की भी अपनी जमीन नहीं और ना ही इनके घर इनके अपने है इनकी मान्यता अनुसार ये पूरा गांव है गुर्जरों के भगवान् देव नारायाण का …
आस्था कहे या अन्धविश्वाश लेकिन हिन्दुस्तान में आज भी लोग अपने भगवा न के प्रति इतनी आस्था रखते है की क्या गलत है और क्या सही उन्हें नहीं मालूम लोगो को तो बस पाने भगवान् की बात पर विश्वास करना है एसा ही कुछ है अजमेर जिले के देवमाली गांव में जहा पर लोगो की यदि माने तो इनके अनुसार जिस समय गुर्जरों के भगवान् देव नारायाण ने पहली बार इस गावं में आये थे तो उस समय उन्होंने इस गांव के रहने वाले लोगो से एक वचन लिया था और उस वचन के अनुसार या तो ये लोग उनके भगवान् का घर यानी की उनका मंदिर को पक्का बनायेंगे या फिर जो भी इस गांव में रहता है उन लोगो का घर पक्का बनेगा लेकिन जब भगवान् से इस बात को सुना तो गांव वालो ने अपने भगवान् के प्रति आस्था जताते हुए भगवान् का मंदिर तो पक्का बना दिया और आस्था के वशीभूत इन लोगो ने बाकी के गांव के सारे घर कच्चे रहने का वचन अपने भगवान् को दे दिया और आज तक इस गांव के लोग पीढ़ी दर पीढ़ी अपने भगवान् को दिए वचन का पालन कर रहे है और आज तक किसी ने भी इस गांव में आज तक पक्का मकान नहीं बनाया है और गांव में जिस जिस ने भी पाने भगवान् देव नारायाण को दिए वचन को तोड़ कर गांव में पक्के मकान बनाने की कोशिश की तो उनके घर में कोई ना कोई अनिष्ट हुआ है ा
इस गांव की दूसरी सबसे बड़ी बात ये है की इस गांव में रहने वाले लोगो की आबादी वैसे तो पांच हजार से ज्यादा की है और गांव में गुर्जरों के करीब २५० से ज्यादा घर गुर्जरों के है और सब के सब गुर्जर होने के साथ साथ है एक ही गोत्र के जी हां हैरान कर देनेवाला सच ये है कि पूरा गांव है एक ही पिता की संतान है और गांव के लोगो ने अपने भगवान से कभी भी मिटटी का तेल भी काम में नहीं लेने का वचन दे रखा है अगर लाइट चली भी जाए तो एक तो इन लोगो ने पाने घरो की छत को इस तरह से केलु से बना रखा है की दिन में भरपूर रौशनी की वयवस्था रहती है घर का आँगन मिटटी से रोजाना लीपा जाता है और उस आँगन पर सफेदी से भगवान् से स्वागत के तैयारियों के लिए सुन्दर पेंटिंग भी की जाती है यही नहीं इस गाव के लोगो ने एक और वचन अपने भगवान को दे रखा है और वो है कभी भी शराब नहीं पिने का और ना ही मॉस का प्रयोग करने का यही वजह है की जब भी कोई अपने भगवान् को दिया वचन को तोड़ता है तो उसे किसी विपदा का डर लगा रहता है ा
अब ऐसा भी नहीं की इस गांव के लोगो के पास रूपये पैसे नहीं है या वो गरीबी की रेखा के निचे जी रहे हा ये लोगो का काम खेती बाड़ी करना है लेकिन इस गांव में किसी की भी खेती की जमीन खुद की नहीं है जिस जमीन पर ये खेती करते है वो जमीं भी इनके भगवान देव नारायाण की है ये लोग तो उस पर नोकरी करते है इनके कच्चे घरो में हर वो सुख सुविधा की वस्तु मोजूद है जो एक आम इंसान की जरुरत होती है घर में फ्रिज ..टी वी ,…वाशिंग मशीन ..के साथ साथ गर्मियों से बचने के लिए कूलर तक की सुविधा मोजूद है लकिन सब कुछ कच्चे घर में , सबसे बड़ी बात तो ये है कि आज तक इनके गांव में किसी के घर में कोई चोरी तक नहीं हुई , कुल मिलकर कहा जाए तो गावं पूरी तरह से एक संपन्न गांव है जो पूरे राजस्थान या कहे तो देश में अपना एक अलग महत्त्व रखता है ा