एक पाकिस्तानी सैनिक के एक सिर पर मिलेंगे पांच करोड़ रुपए मुस्लिम युवा आतंकवाद विरोधी समिति ने की घोषणा

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अजमेर – अजमेर, मुस्लिम युवा आतंकवाद विरोधी समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष हाजी शकील सेफी ने कहा है कि भारतीय सेना का जो जवान पाकिस्तान की सेना के सैनिक का सिर लाएगा उसे समिति की ओर से पांच करोड़ का ईनाम दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अब वक्त आ गया है जब केन्द्र सरकार को पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कार्यवाही करनी चाहिए।

रविवार को यहां ख्वाजा साहब की दरगाह में जियारत करने के बाद सेफी ने कहा कि विगत दिनों हमारे दो सैनिकों के सिर काटे जाने की घटना बेहद गंभीर है। केन्द्र सरकार को अब पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कार्यवाही करनी चाहिए। गत वर्ष जिस तरह हमारी सेना ने  पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक किया वैसी ही बड़ी कार्यवाही पाकिस्तान के खिलाफ करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सैनिकों के सिर काटने की घटना से देश के नागरिकों में उबाल है। देश की भावनाओं को देखते हुए ही समिति ने एक पाकिस्तानी के सिर के बदले पांच करोड़ रुपए देने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि समिति से जुड़े युवा मुसलमान  भी सेना में भर्ती होने के इच्छुक है। सरकार अगर फैसला लेगी तो मुस्लिम युवक भी सीमा पर जाकर पाकिस्तान को मुंह तोड़ जवाब देंगे। सेफी ने कहा कि इस समय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक मजबूत इरादे वाले नेता है। मोदी को पाकिस्तान को ऐसा सबक सीखना चाहिए कि जिससे वह भारत की ओर आंख उठाकर भी नहीं देख सके। उन्होंने कहा कि देश की अखंडता के लिए सभी लोग एक मत है और सभी भारत माता के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने के लिए तत्पर है। ऐसे में राजनैतिक दलों को भी चाहिए कि वे अपने निजी स्वार्थो को त्यागते हुए एकता का परिचय देें और प्रधानमंत्री मोदी का समर्थन करते हुए पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्यवाही कराने में सहयोग दें। उन्होंने कहा कि मुस्लिम हमेशा से मादरे वतन की रक्षा के लिए तैयार है और हर विषम परिस्थिति में देश के साथ खड़े रहे हैं। पाकिस्तान से बदला लेने के लिए मुस्लिम युवा तैयार है। सरकार को शीघ्र ही इस ओर निर्णय लेना चाहिए और पाकिस्तान को उसकी नापाक हरकतों का कड़ा जवाब देना चाहिए।

दरगाह जियारत : हाजी शकील सेफी सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में जियारत की और ख्वाजा साहब के पवित्र मजार पर सूफी परम्परा के अनुसार मखमली व फूलों की चादर पेश की। उन्होंने देश व दुनिया से आतंकवाद के खात्में के लिए जन्नती दरवाजें पर मन्नत का धागा भी बांधा। उन्हें दरगाह के खादिम सैयद फजले अमीन चिश्ती महलशाही ने जियारत करा तबर्रूक भेंट किया। उनके साथ फैज सेफी, हज कमेटी के सदस्य नसीरुद्दीन , रूस्तम अली घोसी, नूर मोहम्मद आदि मौजूद थे।