करनाल – अपने अपनों पे करम

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करनाल – मुख्यमंत्री मनोहर लाल के चुनाव लड़ने के विषय में कयास लगाये जाते रहे हैं कि वो इस बार चुनाव करनाल से नहीं लड़ेंगे l  ये अलग बात है कि इन कयासों पर विराम लगाते हुए  मुख्यमंत्री ने खुद ऐलान किया कि वो चुनाव कहीं और से नहीं बल्कि करनाल से ही लड़ेंगे l मुख्यमंत्री कहने को तो कह गए मगर वो अच्छी तरह से जानते हैं कि इस बार करनाल में उनकी हालत नाजुक रहने वाली है l मुख्यमंत्री ने अपने मंत्रियों और विधायकों को कहा है कि वो अपने हलकों में जाएं और लोगों की नब्ज टटोलें कि बीजेपी के बारे में उनकी क्या राय  है l मगर सीएम शायद ये नहीं जानते कि उनके अपने चहेतों ने उन्ही के हल्के में उनको हल्का कर दिया है l मुख्यमंत्री जब भी करनाल आते हैं तो लोग उनके आसपास रहने वाले ओएसडी या फिर बीजेपी के छुटभैया नेताओं से मुलाकात कराने की गुहार लगाते हैं मगर मुख्यमंत्री के ये सलाहकार आम जनता की फरियाद उन तक पहुंचने ही नहीं देते l  कई बार तो लोगों की  शिकायत मुख्यमंत्री के इन चहेतों के खिलाफ ही होती है l

करनाल में मुख्यमंत्री की गैर हाजिरी में बैठे ओएसडी करनाल दौरे में सीएम के साथ साथ होते हैं l  सीएम के इर्द गिर्द मंडराने वाले इन खास लोगों की नज़रें शिकायत लेकर पहुंचे आम आदमी की तरफ लगी रहती है l उन्हें ये भय भी बना रहता है कि कहीं कोई मुख्यमंत्री से उन्ही की शिकायत न कर दे l  इसी वजह से मुलाकात के सवाल पर मुख्यमंत्री के ओएसडी और करनाल बीजेपी के जिला अध्यक्ष अलग अलग जवाब देते हैं l

अब जनता और कार्यकर्ता सरकार पर आरोप लगा रहे हैं कि प्रदेश के मुखिया को करनाल में कुछ लोग ही घेरे रखते हैं  जिनमें दो मुख्य नाम ओएसडी अमरेंद्र सिंह और बीजेपी के जिला अध्यक्ष जगमोहन आनंद के हैं l कार्यकर्ता अब दोनों पर ही आरोप लगा रहे हैं कि वे मुख्यमंत्री से उन्ही लोगों की मुलाकात कराते हैं जिनसे उन्हें खास लाभ हासिल होता है l कार्यकर्ताओं द्वारा उन पर लगाए जाने वाले आरोप कितने सही हैं कितने गलत ये तो अलग बात है मगर उनका जवाब देते हुए जिला अध्यक्ष जगमोहन आनंद ने कहा कि मुख्यमंत्री का कार्यक्रम समय के हिसाब से तय होता है l उसी हिसाब से मिलने वालों की सूची तैयार की जाती है फिर वो सूची मुख्यमंत्री को भेजी जाती है l सूची बनाते समय मिलने वालों के काम की महत्ता देखी जाती है , जनहित से जुड़े मुद्दे होते हैं तो कोशिश होती है कि उन सभी को समय दिया जाए , सिर्फ नमस्ते करने वाले तो कभी भी कर सकते हैं क्योंकि समय की सीमा होती है l उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों को गलत बताया कि सिर्फ अपने लोगों को मिलने दिया जाता है l
मुख्यमंत्री के ओएसडी का कार्यक्षेत्र कभी करनाल कभी चंडीगढ़ तो कभी काछवा तक सिमट जाता है मगर सीएम के करनाल दौरे पर वो उनके साथ ही रहते हैं l कार्यकर्ताओं द्वारा लगाए गए अपनी अनदेखी के आरोपों  का जवाब देते हुए कहते हैं कि मुख्यमंत्री से मिलने वालों के कार्यक्रम के बारे में योजना बनाई जाती है लिस्ट यहीं बनती है चंडीगढ़ नहीं ,  मंडलों की बैठक भी होती है , कार्यकर्ताओं के यहाँ मुख्यमंत्री चाय पर भी जाते हैं , सभी से मिलवाया जाता है l करनाल में कोई जातिवाद या क्षेत्रवाद की राजनीति नहीं हो रही है यहाँ केवल समग्र विकास की बात हो रही है l मुख्यमंत्री से यदि कोई अकेले मिलना चाहता है तो भी उसे मिलने दिया जाता है l अब ये बात भी किसी से छिपी हुई नहीं है कि करनाल की जनता और बीजेपी का कार्यकर्ता अपने आपको ठगा सा महसूस कर रहा है l