करनाल – बुलेट में पटाखे चलाने वालों पर कब लगेगी रोक

0
1102
करनाल – बात बुलेट की साइलेंसर से पटाखा बजाने की हो या गाड़ियों में काले शीशे लगाने की, करनाल में ये सब आसानी से देखने को मिलता है l हालाँकि पुलिस ने छः महीनों में सिर्फ 63 लोगों के बुलेट से पटाखे बजाने को लेकर चालान काटे लेकिन बुलेट से पटाखा बजाने वालों की संख्या प्रतिदिन बढ़ रही है l यही कारण है कि बुलेट से पटाखे बजाने को युवक शान समझने लगे हैं l इस तरह की बुलेट इस्तेमाल करने वाले युवक कहीं भी बाजार हो या शिक्षण संस्थाओं से जुड़ा क्षेत्र धड़ल्ले से पटाखे बजाते धूमते हैं l और इसी तरह कारों में काले शीशे लगाने वालों को किसी कानून कायदे  का डर नहीं है ,स्थानीय निवासी भीमसेन गाँधी ने इस विषय पर कहा कि कुछ भी अपराध होने के बाद पुलिस काले शीशे वाली कारों के चालान करने शुरू करती है , किसी किसी कार के शीशे इतने काले होते हैं कि बाहर से अंदर का कुछ भी नज़र नहीं आता और ऐसी गाड़ियां सरेआम पुलिस के सामने से ही निकलती रहती हैं l 
 
पुलिस विभाग ने कुछ ही दिन पहले कहा था कि वो बुलेट से पटाखे बजाने वालों के सख्ती से चालान करेंगे और केवल उनके ही नहीं बल्कि बुलेट के साइलेंसर में गड़बड़ करने वाले मिस्त्रियों के खिलाफ भी केस दर्ज  करेंगे लेकिन जनवरी से जून तक छः महीनों में सिर्फ 63 चालान किये गए जिनमें से एक भी चालान किसी मिस्त्री का नहीं काटा गया जो बुलेट लेने के बाद साइलेंसर में गड़बड़ कर देते हैं l और इसी तरह केवल 58 चालान काले शीशे वाली कार चलाने वालों के किए गए हैं l 
 
डॉ मुकुल सालदी ने बुलेट से बजने वाले पटाखे से होने वाले नुकसान के बारे में बताया कि इससे एकदम हमारी सांसे तेज होकर दिल की धड़कन बढ़ जाती है इसके साथ ही हमारा ब्लड प्रैशर भी बढ़ जाता और ज्यादा कमजोर दिल वालों को तो हार्ट अटैक भी आ सकता है l कान के ज्यादा नज़दीक बजे तो सुनने की क्षमता कम हो सकती है , और साथ में चलने वालों को तो एकदम आयी आवाज़ से इधर उधर होकर किसी भी चोट या गंभीर नुक्सान का खतरा हो सकता है l यह बहुत बड़ा ध्वनि प्रदूषण है इससे होने वाले नुकसान से  पशु पक्षी भी अछूते नहीं हैं l इस पर सख्ती से रोक लगनी चाहिए इसे भी समाज के हित के लिए लोग जागरूकता के साथ  स्वच्छता के नियमों में जोड़ें l   
बुलेट के मिस्त्री काले राम ने बताया कि बुलेट को यदि तेज गति से चलाया जाए तो इसके साइलेंसर में गैस एकत्रित हो जाती है। पटाखा मारने से पहले दांई तरफ लगे स्विच को ऑफ-ऑन करने से साइलेंसर में एकत्रित गैस पटाखे का रूप ले लेती है। इस कारण तेज गति में बार-बार स्विच को ऑन-ऑफ करने से पटाखे की आवाज पैदा होती है।  दरअसल ये समस्या नई नहीं है पहले केवल शहरों में देखने को मिलती थी अब गांव में भी आम हो गई है और बढ़ गई है । खासकर  युवाओं में बिना साइलेंसर का फिल्टर फाड़कर बाइक दौड़ाने का खास क्रेज है। इससे निकलने वाले पटाखे की आवाज़ को बुलेट की शान माना जाता है। भले ही इसकी प्रदूषित आवाज से अन्य लोगों की परेशानी बढ़ जाए ।
 
युवा अपनी बाइक में तरह-तरह के साइलेंसर लगवाते हैं। इनमें बूस्टर, बुलेट, डबल साइलेंसर, स्ट्रोक वाले साइलेंसर खास हैं। लोग इसके लिए हजारों रुपए भी खर्च करते हैं।  इस साइलेंसर की खासियत है इसकी तेज आवाज।  इसकी कीमत ढाई हजार से शुरू होती है।  बुलेट गाड़ी की तरह आवाज करने वाला यह साइलेंसर ओरिजनल साइलेंसर से कई गुना कम कीमत पर बाजार में आसानी से मिल जाते हैं।