करनाल – वोट पर चोट

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करनाल – मेयर पद का चुनाव अब सी एम् मनोहर लाल की प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है, क्योंकि तमाम विपक्षी पार्टियां किसी भी सूरत में बीजेपी के प्रत्याशी को हराने के लिए किसी भी स्तर तक जा सकती हैं l क्योंकि अगर इस चुनाव में बीजेपी को नुकसान उठाना पड़ा तो इसका सीधा असर राज्य के आगामी 2019 के विधानसभा चुनाव पर पड़ेगा l क्योंकि जब निर्वाचन क्षेत्र सूबे के मुखिया का हो तो मामला ज्यादा संवेदनशील हो जाता है l बताया जा रहा है कि ज्यादातर कार्यकर्ता बीजेपी के छुटभैया नेताओं की कार्यशैली से खफा हैं , जिनके सिर्फ अपने आप का विकास की नीति ने पार्टी के कार्यकर्ताओं के अलावा समाज का भला चाहने वाले आम लोगों तक को भी पिछली पंक्ति में लाकर खड़ा कर दिया है l बल्कि उनको इन सत्ता के कर्णधारों तक अपने विचारों को प्रकट करने का मौका तक नहीं दिया जाता l

कल बीजेपी के हरियाणा प्रभारी अनिल जैन ने भी कृष्णा मंदिर में सीएम के गढ़ को बरकरार रखने लिए कार्यकर्ताओं से एड़ी-चोटी का जोर लगाने का आह्वान किया। उन्होंने इस चुनाव को पार्टी का टेस्ट कहा, लेकिन मीटिंग में पार्टी के बूथ अध्यक्ष ही गायब रहे। इस पर पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. अनिल जैन और संगठन महामंत्री सुरेश भट्ट ने कड़ा ऐतराज भी जताया। उन्होंने मीडिया को कहा कि हार के डर से बीजेपी के खिलाफ सारे विपक्षी दल एकजुट हो गए हैं l लेकिन बीजेपी के ही सूत्र बता रहे हैं कि बीजेपी में ही भीतरघात की संभावना है l

अब ध्यान देने योग्य बात है कि जनता को तो इन सत्ताधारियों से 5 साल काम पड़ता है और सत्ताधारियों को सिर्फ वोट मांगने के समय काम पड़ता है , जैसे ही चुनाव आते हैं इन सत्ताधारियों का जनता से मेलमिलाप का सिलसिला शुरू हो जाता है वो भी ऐसा कि जैसे ये समाज के भले की या जनता के सुख दुःख की बहुत फ़िक्र कर रहे हैं l थोड़ा समय पहले शक्ल देखकर भी न पहचानने वाले नेता हाथ जोड़कर शक्ल पहचानने लगते हैं l लेकिन इस कलयुगी समय में कोई इतना अनजान नहीं कि किसी के आचार व्यवहार को नहीं जानता l सत्ता के लोलुप ये दिखावटी नेता जनता की भावनाओं को जाति , बिरादरी की बातें फैलाकर आरोप प्रत्यारोप करते हैं ,भड़काते हैं l तरह तरह के लालच देते हैं धर्म ,जातीय वोट बैंक की तरफ जहां न भी नतमस्तक होना हो वहां नतमस्तक होते हैं ,बल्कि जताते हैं कि आज मुझसे भला मानस शायद कोई नहीं l लेकिन इन्ही लोगों के बीच के सूत्र बताते हैं कि ये सिर्फ लोगों को भड़का कर लड़वा रहे हैं जबकि इनके व्यापार इकट्ठे चलते हैं l समाज के जाने माने सार्थक मंच के रंगकर्मी संजीव का कहना है कि चुनाव के समय बहुत चेहरे आते हैं लेकिन लोगों को जाति धर्म से उठकर सोच समझकर ईमानदार व्यक्ति को समाज और देश के हित के लिए वोट करना चाहिए l