ग्रीष्मकालीन पर्यटन सीजन में आने वाले पर्यटकों एव स्थानीय नागरिकों को कोई समस्या नहीं होगी -कुमांयू आयुक्त

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नैनीताल – पर्यटन सीजन में सरोवर नगरी नैनीताल में ट्रेफिक एवं वाहनो का दबाव एक समस्या के रूप में उभरकर सामने आ रही है। इस समस्या के ठोस उपाय करने एवं समस्या के निराकरण के लिए आयुक्त कुमायू डी सैन्थिल पांडियन ने एलडीए सभागार में अधिकारियों के साथ बैठक कर आवश्यक दिशा निर्देश दिये।
आयुक्त ने कहा कि ग्रीष्मकालीन पर्यटन सीजन में बाहर से आने वाले पर्यटकों एव स्थानीय नागरिकों, कार्यालयों, विद्यालयों के वाहनों की पार्किग की समस्या सामने आती है। उन्होने बताया कि इस समय नैनीताल फ्लैट्स, मोटोपॉल, सूखाताल, एलडीए, बीडी पाण्डे स्थानों की पार्किग में लगभग 1000 वाहन पार्क किये जाने की व्यवस्था है, जो कि नाकाफी है। उन्होने अधिकारियों से कहा कि वे पर्यटन सीजन में नैनीताल शहर के लिए अल्पकालीन, दीर्घकालीन पार्किग योजनाओं के प्रस्ताव तैयार करें। नैनीताल शहर से दो या तीन किलोमीटर की परिधि में छोटे-छोटे पार्किग स्थल विकसित किये जाए, तथा बाहर से आने वाले हल्के एवं भारी वाहनों की वही पर रियायती दरों पर पार्किग कराई जाए। इसके अलावा फ्लैट्स तथा मेट्रोपोल जैसे शहरों के बीच में स्थानीय पार्किग स्थलो को लग्जरी पार्किग के रूप में विकसित करते हुए शुल्क में इलाफा किया जाए। शहर भर की सभी पार्किग व्यवस्था में नगर पालिका नोडल की भूमिका निर्वहन करे, इसके साथ ही शहर के बाहर पार्क किये गये स्थानों से पार्किग किये गये पर्यटकों को नैनीताल तक लाने व छोडने के लिए नियमित शटल बस सेवा प्रारम्भ की जाए। ताकि शहर के बाहर पार्क किये गये स्थानों से पर्यटक सुगमता पूर्वक स्थानीय परिवहन सुविधा से नगर में आ सके। शटल सेवा में टैक्सी यूनियन का भी सहयोग लिया जाए, साथ ही नये पार्किग स्थल विकसित करने के लिए स्थानीय लोगो से भी रायशुमारी भी ली जाए।
आयुक्त पांडियन ने बताया कि विगत दिनों नैनीताल भ्रमण के दौरान प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिह रावत ने भी नैनीताल में मल्टी स्टोरी पार्किग बनाये जाने की घोषणा की है। उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुरूप चारखेत में बहुमंजिली पार्किग भवन बनायी जायेगी, इस पार्किग भवन के आसपास व्यवसायिक काम्पलैक्स तथा सुलभ शौचालय आदि का निर्माण भी किया जायेगा। उन्होने बताया कि चारखेत मे बनने वाली पार्किग व अन्य अवस्थापना सुविधाओं को विकसित करने के लिए 50 करोड का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। सचिव पर्यटन शैलेश बगौली ने दूरभाष पर बताया है कि इस प्रोजेक्ट पर प्रथम चरण में 20 करोड की धनराशि यथाशीघ्र जारी की जा रही है। उन्होने संयुक्त मजिस्टेट बंदना सिह को निर्देश दिये कि वह इस प्रोजेक्ट को प्राथमिकता के आधार पर अनुज्ञवण सुनिश्चित करें।
आयुक्त ने कहा कि पर्यटन सीजन के दौरान मालरोड को पूर्णतया वाहन रहित किया जायेगा, ताकि पर्यटन सुगमता पूर्वक मालरोड पर घूम सकें। उन्होने अधिशासी अभियन्ता लोनिवि एमएस नेगी को निर्देश दिये कि नैनीताल को आनेवाले वैकल्पिक मार्गो को चिन्हिकरण किया जाए, तथा नये मार्गो को बनाने के प्रस्ताव तैयार कर शासन को भिजवाना सुनिश्चित करें। उन्होने नेगी को निर्देश दिये कि रूसी बाईपास होते हुये कालाढूगी रोड का काम जो वन विभाग की वजह से रूका है उसका डीएफओ से समन्वय कर निस्तारण करना सुनिश्चित करें। इस सम्बन्ध में उन्होने डीएफओ नैनीताल डीएस मीणा से दूरभाष पर वार्ता की।
बैठक में आयुक्त द्वारा उपनिदेशक पर्यटन जेसी बेरी को निर्देश दिये कि वह लीक से हटकर कार्य करें, नैनीताल के आसपास कुछ इस प्रकार के पर्यटक स्थल विकसित करें जिससे पर्यटक आकर्षित हों। इसके नये प्रस्ताव भी बनायें। उन्होने कहा नैनीताल व इसके आसपास का ईलाका झीलों से घिरा हुआ है, भीमताल, नकुचियाताल, सडियाताल, खुर्पाताल जैसी झीलों को भी विकसित करते हुए उन्हे पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र बनाया जा सकता है। श्री पाडियन ने कहा कि पर्यटन सीजन के दौरान पुलिस, प्रशासन, नगरपालिका, लोनिवि, जलसंस्थान, विद्युत, पर्यटन विभागों को संयुक्त रूप से कार्य करना होगा।
आयुक्त ने बैठक में उपस्थित मुख्य अभियन्ता  बीसी बिनवाल से कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा हल्द्वानी में रिंग रोड बनाये जाने की घोषणा की है। उन्होने बिनवाल से कहा कि रिंग रोड का डीपीआर तत्काल तैयार कर शासन को भिजवायें ताकि बजट की व्यवस्था की जा सके। उन्होने कहा कि देश के अन्य प्रान्तों से आने वाले पर्यटकों को रामपुर तक फोरलेन की सुविधा है, इसके बाद पर्यटक यहां की सडको पर अपने को असहज महसूस करता है। इसलिए जरूरी है कि हम फोरलेन के प्रस्ताव भी तैयार करें।  बिनवाल ने आयुक्त को बताया कि हल्द्वानी रिंग रोड का डीपीआर तीन माह के भीतर तैयार कर शासन को भेज दिया जायेगा, तथा लगभग दिसम्बर 2017 से इस प्रोजेक्ट में कार्य प्रारम्भ होने की सम्भावना है।
बैठक में सचिव झील विकास प्राधिकरण श्रीष कुमार भी उपस्थित थे।