ड्रोन से होगी जंगल की निगरानी

0
166
 हल्द्वानी – उत्तराखण्ड में बीते वर्ष की वनाग्नि को देखते हुए कॉर्बेट व् आसपास के वनों को बचाने के लिए पहली बार ड्रोन कैमेरे की मदद ली जा रही है । वन मंत्री ने इसका शुभारम्भ किया ,वन विभाग ने  लगभग दो लाख हैक्टेयर वन क्षेत्र के संवेदनशील क्षेत्र में तीन ड्रोन से निरीक्षण का काम शुरू कर दिया है, ड्रोन से जंगल की आग को मॉनिटर करने का ये देश में पहला प्रयास है, उत्तराखंड के जंगल आग की दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील हैं। वन विभाग अपने पारंपरिक तरीके से तथा सैटेलाइट की मदद से वनाग्नि कि रोकथाम का प्रयास करता रहा हैं। परन्तु तराई -भाबर जैसे क्षेत्र के जंगलों में लगी आग का जल्द पता नहीं लग पाता ,इसलिए जंगलों में आग पर निरंतर निगरानी रखने के लिए उत्तराखंड वन विभाग द्वारा देश में पहली बार ड्रोन कैमरों का इस्तेमाल किया जा रहा हैं । यही नही ड्रोन से अवैध खनन, अवैध पातन औऱ वन्य जीव तस्करों पर भी अंकुश लगाने में सहायता मिल सकती है ।
उत्तराखंड में अब तक 238 वनाग्नि की घटनाओं में 333.34 हैक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है । वन संरक्षक पश्चिमी वृत्त पराग मधुकर धकाते ने बताया की  ड्रोन के उपयोग से वनाग्नि की घटनाओं पर तत्काल नियंत्रित करने मे मदद मिलेगी। वनाग्नि की  ड्रोन मॉनिटरिंग के लिए तीन पायलटों को रखा गया है और इससे प्राप्त वीडियो को हल्द्वानी स्थित कंट्रोल रूम से भी मॉनिटर किया जाएगा । ये ड्रोन जसपुर, काशीपुर, बाजपुर, रामनगर, कालाढूंगी, हल्द्वानी, खटीमा, सितारगंज, बनबसा और किच्छा समेत पहाड़ के कुछ संवेदनशील हिस्से का दिन रात निरीक्षण करेगा ।