नैनीताल – कुमाऊं के हर घर में दीपावली पर ऐपण का महत्व

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रिपोर्ट – कान्ता पाल/ नैनीताल –  दीपावली के मौके पर कुमाऊं के हर घर में आज कल पारंपरिक ऐपण बनाये जा रहे है जो अपने आप में खास है, ये ऐपण खासकर दीपावली के उपलक्ष में बनाये जाते है दीपावली की रात को इन्ही ऐपण की चैकी पर माँ लक्ष्मी की पूजा भी की जाती है, बाजारवाद के चलते उत्तराखंड की पारंपरिक लोक चित्र कला एपण का स्वरूप पूरी तरह बदल गया है। गेरू और बिसवार के जरिये बनाई जाने वाली एपण कला में पहले बदलाव के तौर पर आधुनिक रंगों को प्रयोग हुआ और अब एपण कला कंप्यूटराइज्ड स्टीकरों में बदल गई है। और इसी के साथ उत्तराखंड की एक पौराणिक लोक चित्र कला लगभग विलुप्ति की कगार पर पहुंच गई है। इस दिवाली में लोग घरों में पारंपरिक एपण बनाने के बजाय स्टीकरों का प्रयोग करते नजर आ रहे हैं। उत्तराखंड के विभिन्न हिस्सों में शगुन के लिये एपण बनाई जाती है। खास कर दीपावली के दौरान घरों में एपण का विशेष महत्व रहता है। घर की महिलाओं द्वारा दहलीज, घरों की दीवार और मंदिरों में एपण किये जाते हैं। जिसमें गेरू और चावल को पीसकर बनाई गई लेई यानी बिसवार का प्रयोग होता है। एपण में विभिन्न तरह की चैकियां बनाई जाती हैं। अलग अलग शुभ कार्यों के लिये अलग अलग चैकियों पर एपण की जाती है। पूजन के दौरान भगवान के आसन से लेकर शादी विवाह तक एपण का महत्व है। जिसे एक तहर से शुभ आकृति माना जाता है।