नैनीताल में सब्जी कास्तकारों की हुई फसल बर्बाद

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कान्तापाल / नैनीताल  – देश के घर घर तक सब्जी का स्वाद पहुंचाने वाले कास्तकारो को ना तो सरकार की कोई मदद मिल पा रही है, और ना ही कुदरत उनका साथ दे रही है। नैनीताल जिले के अंतर्गत आने वाले कुछ गावों के कास्तकार अपनी बेबसी की कहानी बयां  कर रहे हैं ।

नैनीताल जिले के सब्जी उगाने वाले कास्तकार जो अलचोना,बेलवाल ,नीलकुडी,और गाँजा गावं के कास्तकार है जो इन दिनों उगाई गई फसल की बर्बादी का मंजर झेल रहे है,कास्तकारों का कहना है कि जो टमाटर उन्होंने अपने खेतों में लगाए है उन पर बिमारी लगने से लाल दिखने वाला टमाटर अब काले पड़ते दिखाई दे रहे है l  दिनेश कुमार, टमाटर कास्तकार का कहना है कि टमाटरों का मोल नहीं मिल पाने के कारण उन्हें फेंकना पड़ रहा है,जिससे रोटी रोजी में संकट पैदा हो गया है, कास्तकारों का कहना है की इसका मुख्य कारण बारिश है बरसात में टमाटर में ज्यादा नुक्सान होता है बरसात में टमाटर में फफूंदी के कारण फसल को नुक्सान हो रहा है।

गावों में टमाटर के साथ आलू पर भी खतरा मंडरा रहा है,  पंकज आर्य, आलू कास्तकार का कहना है की एक बड़े खेत में आलू लगाने के बाद भी आलू की फसल उमीद से बहुत कम पैदा हो रही है,ना तो बीज का खर्चा निकल पा रहा है और ना ही मार्किट रेट मिल रहा है. कास्तकारों ने कहा की बीमारी की जद में बैठी इन सब्जियों को बचाने के लिए जो दवाई मार्किट में मिल ही है उन दवाइयों के दाम महंगे है जिन्हें छोटे कास्तकार खरीद नही पाते हैं  ।