पर्यटन व्यवसायी भीमताल में बस अडडा न होने से परेशान

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कान्तापाल/ नैनीताल –  सरकार उत्तराखण्ड को पर्यटन प्रदेश बानाने के लाख दावे करती है लेकिन पर्यटन की दृष्टि से महत्वूर्ण भीमताल , नौकुचियाताल और सातताल जैसे पर्यटक स्थल पर्यटन की मार झेल रहे है जिसका मुख्य कारण है यहा पर कोई स्थायी बस अडडा न होना है जिससे यहा मध्यम वर्गीय पर्यटक नही पहुंच पाते  हैं  जिसकी तादात अन्य पर्यटकों  से ज्यादा होती है। और वह मायूस होकर नैनीताल से ही वापस लौट  जाते है।
मध्यम आय वाले पर्यटक बसों  से सफर करना ज्यादा किफायती  मानते हैं  लेकिन भीमताल में बस अडडा न होने से वह नैनीताल से ही वापस लौट जाते हैं  । क्योंकि  बस अडडा न होने के कारण उन्हे टैक्सियों  में  महंगा किराया देकर भीमताल और आस पास के झीलों  में जाना पडता है जो उनके जेब के लिये भारी पडता है इसलिये  वह यहां  न आकर अन्य पर्यटन स्थल पर चले जाते है जहा बसों  को उचित व्यवस्था होती है। भीमताल की जनता न कई बार बस अडडा की मांग उठाई है यहां उनका व्यवसायी ही पर्यटन से जुडा है और पर्यटन उचित यातायात व्यवस्था से जो स्थायी बस अडडा से ही मुमकिन है लेकिन स्थानीय लोगों  की आवाज प्रशासन तक नही पहुंची l  जीतेन्द्र चनोतिया ने बताया कि अभी तक प्रशासन द्वारा बस अडडा के लिये कोई  कदम नही उठाया है जबकी यह क्षेत्र पर्यटन के लिये बेहद महत्वपूर्ण है। और यहा कोई भी बस नही रूकती है बल्कि हल्द्वानी से अन्य जगहो पर बसें  भीमताल से होते हुये जाती है लेकिन बस अडडा न होने के कारण रूकती नही है।

चंदन बिश्ट, स्थानीय निवासी का कहना है कि गौर करने वाली बात है की भीमताल जैसे पर्यटन स्थल मे बस अडडा न होकर भीमताल से 10 किमी0 दूर भवाली पर है जहा से मघ्यमवर्गीय  पर्यटक वापस लौट जाता है क्योकि भवाली के बाद भीमताल तक कोई भी स्थायी बस सेवा नही है सटल सेवा के नाम पर भीमताल सातताल और नौकुचियताल के लिए जो बस चलायी जा रही है वह भी सिर्फ नाम की है । अब नैनीताल जिले के प्रभारी मंत्री हरक सिंह रावत का कहना है की सरकार भीमताल मे बस अडडे को लेकर गंभीर है लेकिन धरातल पर कोई कार्य होता नजर नही आ रहा है।