पानीपत – ग्रामीण से गोल्ड लोन के नाम पर केएमबी में धोखाधड़ी

0
318

सुमित /पानीपत – घर की जरूरतों को पूरा करने के लिए पानीपत जिले के गाँव सिवाह के मजदूरी करने वाले गरीब ब्राह्मण ने  रेलवे रोड पर बने कोटक महेंद्रा बैंक में 6. 5 तोले सोने के जेवरात जमाकर  80 हजार रुपए का गोल्ड लोन लिया जिसमे से बैंक ने अपनी प्रोसेसिंग फ़ीस काटकर बकाया लोन राशि खाते में ट्रांसफर कर दी । लगभग सवा साल तक ब्याज चुकाने के बाद अगली ब्याज  किश्त के साथ लोन की राशि जमा करवाने बैंक पहुंचा सोचा था लोन की राशि जमाकरवार बैंक में जमा जेवरात घर ले जाकर मैं  जवान बच्चो की शादी करूंगा, बैंक में पहुँच कर जब उसे  पता चला कि लॉकर में रखे जेवरात कर्मचारियों ने बेच दिए।लगभग 10 दिन तक हेड आफिस में मेल भेजने की मैंनेजर बहानेबाजी करता रहा। इसके बाद सोमवार को पीड़ित परिवार ने अपने किसी बैंक में काम करने वाले  रिश्तेदार से सम्पर्क कर मीडिया से सम्पर्क किया व् कोटक महिंद्रा बैंक के  मैनेजर को लिखित शिकायत देकर उसकी प्राप्ति की रसीद ली और उसके बाद पानीपत जिला के लीड बैंक मैनेजर के दफ्तर पहुंचे लेकिन फिल्ड में होने के कारण नहीं आज एलडीएम राकेश वर्मा को शिकायत देकर उनसे बैंक के खिलाफ कार्यवाई करने और उनका गोल्ड वापिस दिलाने की गुहार लगाई जिस पर लीड बैंक दे मैनेजर ने उन्हें आस्वश्त किया उन्हें इन्साफ दिलाया जाएगा।

सिवाह गांव निवासी कृष्ण भारद्वाज ने बताया कि रेलवे रोड के सामने स्थित कोटक महेंद्रा बैंक में कैशियर से बातचीत करके उसने साढ़े 6 तोले के जेवरात जमा करवाकर  80 हजार रुपए लोन लिया था। लोन देने से पहले बैंक ने उनके जेवरात को बैंक से जुड़े स्वर्णकार से सत्यापित भी करवाया था स्टाम्प फ़ीस व् अन्य शुल्क के नाम पर लगभग 300 रूपये चार्ज भी वसूल किया था तभी बकाया लोन राशि उन्हें मिली थी हर तीन माह में उसको 2700 रुपए ब्याज जमा कराने के लिए कहा गया था और उस समय यह भी झांसा दिया कि जेवरात लॉकर में रखे जाएंगे जिसकी एक चाबी उसके पास रहेगी । बैंक मैनेजर व् कृष्ण की मौजूदगी में ही लॉकर खोला जाएगा। गरीब ब्राह्मण कृष्ण का कहना है कैशियर ने उसको लॉकर की चाबी नहीं दी और कहा कि चाबी लाकर में ही रख दी जायगी।

गाँव का भोला भाला व्यक्ति हर तीसरे माह ब्याज भरता रहा। पांच किश्तें समय पर भरने के बाद कुछ दिन पहले वह छटी किश्त व् गोल्ड लोन के 80 हजार रुपए लेकर यानी लगभग 83 हजार रूपये बैंक में जमा करवाकर अपना सोना घर ले जा सकेगा लेने तो पता चला कि जेवरात 4 माह पहले ही लॉकर से निकाल लिए गए । मैनेजर के पास गए तो उन्होंने कहा कि जिसने लोन दिलाया था वह बैंक के कर्मचारी अभी नहीं है। इस तरह लगभग 10 दिन  बैंक के चककर लगाने के बाद पीड़ित ने अपने एक रिश्तेदार की मदद ली जो किसी  बैंक में प्रबंधक के पद पर तैनात है उसने बैंक द्वारा किये गए फ्राड को देखकर मैनेजर को समझाने कोशिश  की लेकिन उन्होंने अपने हैड आफिस का मामला बताकर कोई रास्ता नहीं दिया तो उन्होंने  बैंक की शिकायत देने व् मीडिया से मदद की गुहार लगाई बैंक मैनेजर ने शिकायत तो रिसीव कर ली लेकिन मीडिया को कोई जवाब ना देना पड़े इसलिए बदसलूकी पर उतर आये लेकिन कुछ भी कैमरे पर बताने से इंकार कर दिया। आफ दी कैमरा माना कहीं न कही बैंक से गलती हुई हे क्योकि बैंक ने एक साल के लिए गोल्ड लोन दिया था अवधि पूरा होने के बाद बैंक ने बिना लोन लेने वाले को बताये और बिना नोटिस के उसे जब्त कर लिया जबकि उसके बाद भी लोन का ब्याज भोलेभाले गांववासी से जमा करवा लिया गरीब ब्राह्मण ने बताया उसे तो तब पता चला जब वह दिसंबर की  किश्त व् लोन की पूरी राशि बैंक में जमा करवाने गया। पीड़ित का आरोप है कि जब चार माह पहले लॉकर से उसका सोना बेच दिया गया तो फिर कुछ दिन पहले 2700 रुपए की  किश्त जमा क्यों कराई गई। उसके साथ धोखाधड़ी हुई है। आरोपियों को सजा मिलनी चाहिए और उसका सोना उसे वापिस मिलना चाहिए ताकि वह अपने जवान बच्चो की शादी कर सके गौर तलब है  कि  गाँव के गरीब ब्राह्मण के दो बेटे व् एक बेटी है  जो शादी के लायक है। गरीब मजदूर अपने धोखे के कारण परेशानी में मामले को हल करवाने के लिए इधर उधर धक्के खा रहा है।