मलेशिया में शांति का संदेश देने वाले प्रेम रावत को ‘‘लाइफ टाइम अचीवमेन्ट अवार्ड’’से नवाजा गया

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करनाल – यदि कोई उपजाऊ जमीन है और यदि हम उस जमीन पर खेती न करें, कोई मेहनत न करें तो धीरे-धीरे वह जमीन बंजर हो जाएगी। अगर उस जमीन पर अच्छे से बीज नहीं बोए जा रहे हैं और अगर उसमें पानी नहीं दिया जा रहा है तो वही जमीन जिस में पहले हरियाली होती थी, वहां ऐसी चीजें उगना शुरू हो जाएँगी, जो मनुष्य के लिए निरथर्क हैं और वह जमीन धीरे-धीरे बंजर हो जाएगी।
ठीक उसी प्रकार हमको जो यह जीवन रूपी खेत मिला है,इसमें हम कितना परिश्रम कर रह ेहैं। इस खेत में हमने क्या-क्या बोया है? कौन-सी फ सल उगाई है और इस खेत में अगर मेहनत नहीं की गयी, पानी नहीं डाला गया तो यह भी धीरे-धीरे बंजर हो जाएगा। प्रेम रावत कहते हैं कि हम अपने इस जीवन रूपी खेत में हर स्वांस के साथ कुछ न कुछ बो रहे हैं। हम चाहे कुछ करें या ना करें, बीज तो बोए जा रहे हैं, फ सल तो उगेगी ही। अगर हम यह कोशिश करें कि बीज न बोया जाए तो यह असंभव है, सिर्फ  संभव है कि हम कौन-सा बीज बोना चाहते हैं और कौन-सी फ सल लगाना चाहतेहैं।हर एक अनमोल स्वांस, जो हमारे अंदर चल रही है, वह हमारे लिए जीवन लाती है।
जिसमें हम मुस्कुरा सकें और आनंद का अनुभव कर सकें।आज जो कुछ भी हम इस संसार में कर रहे हैं, जैसे बड़े-बड़े आविष्कार, भौतिक सुख-सुविधाओं का विस्तार, यह सब इसी स्वांस के कारण ही संभव है। जब हम अपने जीवन में इस बात को अच्छे से स्वीकार कर लेंगे कि हम भी प्रत्येक स्वांस के साथ इस जीवन रूपी खेत में उस बीज को बोएं, जिसको पाने के बाद हमें जीवन में दुखी न रहना पड़े, तब इस जीवन का मिलना सार्थक  होगा।
उठो! जागो! आंखें खोलो! और अपने इस दिन को  शुरू करो। जागने का समय हो गया है, क्योंकि हमने जो कुछ भी आज तक सबसे बढिय़ा से बढिय़ा सपना देखा, असलियत उन सारे सपनों से ज्यादा बढिय़ा है- ‘इस स्वांस की असलियत’। इसका कोई दामन हीं है। यह अनमोल है और हमेशा हमारे साथ है। जिस दिन यह नहीं रहेगा, हम नहीं रहेंगे। हम जो भी हैं, इसी के कारण हैं। इसमें वह आनंद है, जो हम हमेशा से पाना चाहते हैं।
हमने अभी तक जीवन में ऐसे आनंद का अनुभव ही नहीं किया जो हमेशा रहे। तोअब हम अपने इस जीवन रूपी खेत में उस बीज को बोएं, जिसकी फसल के निकलने के बाद हम आनंद में रहें। प्रेम रावत कहते हैं कि हम इस जीवन रूपी खेत को बंजर न होने दें, क्योंकि ऐसा करने की जरूरत नहीं है। दर असल हमारे अंदर संभावना है, उस जीवन रूपी खेत को खुशहाल बनाने की, उसका आनंद लेने की। प्रेम रावत जी मानवता एवं शांति के विषय पर चर्चा करने वाले अंतर्राष्ट्रीय ख्याति के वक्ता हैं। शान्ति को पाने की प्रेरणा देने के लिए विश्व भर में कई सरकारी और शैक्षणिक संस्थानों द्वारा उन्हें शान्तिदूत की उपाधि प्रदान की गई है। हाल ही में मलेशिया में प्रेम रावत को ‘‘एशिया पैसिफिक ब्रान्ड फाउंडेशन’’ ने ‘‘लाइफ  टाइम अचीवमेन्ट अवार्ड’’से नवाजा है। उनके संदेश के संबंध में अधिक जानकारी वैबसाइट www.rajvidyakender.org और www.timelesstoday.com  या फोन नंबर 9899292465 पर प्राप्त की जा सकती है।