यमुना बार्डर पर सुरक्षाकर्मियों के बगैर कौन रोकेगा बेलगाम ओवरलोड वाहनों को

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सुमित / पानीपत – हरियाणा को उत्तर प्रदेश से जोडऩे वाले मुखय मार्ग हरिद्वार-पानीपत रोड पर यमुना नदी बार्डर पर जिला प्रशासन द्वारा‎ ओवरलोड वाहनों पर शिकंजा कसने के लिए चैकिंग नाका पर ओवरलोड वाहन बेरोकटोक गुजर रहे हैं क्योंकि इसे चैक करने के लिए वहां कोई टीम तैनात नहीं है । चैंकिग टीम के साथ डयूटी पर लगाए गए तीनों पुलिस कर्मी व टीम इंचार्ज सहित 7 कर्मचारी नदारद रहने पर बगैर पुलिस कर्मी के ओवरलोड वाहनों को चैंकिग टीम को वाहनों को रोकने के चलते जान का खतरा बना हुआ है  , ओवरलोड  वाहनों का  सडक़ पर बेरोकटोक दौड़ने का मतलब सरकार के राजस्व का चूना लगाना है  ।

गौरतलब है कि हरियाणा सरकार  दिनों आरटीओ से ओवरलोडिंग चेकिंग की  शक्तियां  लेकर जिले के अतिरिक्त उपायुक्त में समाहित कर दी थी और अलग अलग विभागों के कर्मचारियों की ड्यूटी लगाकर अतिरिक्त उपायुक्त के देखरेख में दस्ते बनाये गए थे, ताकि ओवरलोडिंग की चेकिंग के वक्त होने वाले भ्र्ष्टाचार पर लगाम लगाई जा सके। पानीपत सनौली यमुना बार्डर नाका पर ओवरलोडिंग चैंकिग करने के लिए एडीसी कार्यालय से लगाई गई अलग-अलग विभागों के 11 कर्मचारियों में से शुक्र‎वार को शुरू हुई तीन दिन की सुबह 6 बजे से दोपहर 2 बजे तक की शिफट में मात्र 4 कर्मचारी पहुंचे और तीन पुलिस कर्मियों सहित 7 कर्मचारी डयूटी पर नही पहुंचे । बगैर पुलिस के ओवरलोड वाहनों को रोकने चैंकिग टीम के लिए जान हथेली पर रख कर डयूटी देनी पड़ रही है । टीम सडक़ किनारे बगैर पुलिस के ओवरलोड वाहनों को रोकने का इशारा करते हैं  मगर बगैर पुलिस कर्मियों के ओवरलोड वाहन चालक अपने वाहनों को सडक पर तेज गति से बगैर रूके दौड़ाते हुए चले जाते हैं ।  पिछले दिनों ओवरलोड वाहनों को रोकते हुए नारनौंद में टीम इंचार्ज एक जेई को ओवरलोड ट्रक चालक ने उपर चढ़ा कर कुचल दिया था जिससे जेई की मौके पर ही मौत हो गई थी । इस घटना से भी विभाग के अधिकारी सबक नही ले रहे हैं । ओवरलोड़ वाहनों पर एड़ीसी कार्यालय की ओर से सुबह 6 बजे से दोपहर की 2 बजे तक की 8 घंटे की डयूटी शिफट में टीम इंचार्ज ‎प्रदीप बोरा सब डिविजन आफिसर मतलौड़ा को टीम का इंचार्ज लगा डयूटी लगाई गई मगर वे नही पहुंचे उसके सहायक संजय जागलान सिविल अस्पताल पानीपत से पहुंचे और उनके साथ तीन अन्य कर्मचार जयभगवान और सेवादार विकास ही डयूटी पर रहे । मगर तीनों पुलिस कर्मी व अन्य 4 कर्मचारी व टीम इंचार्ज सहित 7 कर्मचारी नदारद रहने से ओवरलोड़ वाहनो पर कोई  कार्यवाही नहीं  की जा सकी । टीम के 11 कर्मचारियों में से तीन पुलिस कर्मचारियों सहित 7 कर्मचारी नदारद रहे ।  डयूटी पर टीम सहायक इंचार्ज जागलान ने कहा कि उनके पास पुलिस कर्मी सहित 7 कर्मचारी नही पहुंचे कैसे वाहनों को रूकवाएं । वहीं  संकेत के लिए लगाए गए नोटिस बोर्ड भी बहुत पुराने हैं  ,जिससे गाड़ी चालक भी बगैर रुके निकल जाते है।

पिछले 15 दिसंबर से अधिकारी व कर्मचारी डयूटी पर आ रहे है मगर इनके लिए एक छोटा सा कमरा उसके अलावा कुछ सुविधाएं नही हैं ना ही शौचालय ना ही टायलेट हैं । खुले में शौच के लिए जाना पड़ रहा है और पीने के पानी भी आसपास से मांग कर पीना पड़ रहा है। वहीं अभी तक ओवलोड वाहनों के वजन तोलने के लिए कांटा भी नही लगा हैं ।  खास बात तो ये है कि जिन कर्मचारियों की डयूटियां लगी है उनमें से कई विभाग जैसे शिक्षा विभाग, थर्मल विभाग, रोडवेज विभाग, पंचायती विभाग के कर्मचारियों को ओवरलेड वाहनों पर कार्यवाही का कोई नियम आदि की जानकारी नही हें कि उन्हें क्या कार्यवाही करनी हैं अभी तक किसी को इसकी ट्रेनिंग भी नही दी गई है । जिससे अधिकारी व कर्मचारी  सरकार की कार्यप्रणाली से पशोपेश में हैं ।  दिन रात ओवरलोड़ वाहनों की स्पेशल चैंकिग करने के लिए गठित टीम सुविधाओं की कमी के चलते ही कार्यवाही में ढील हो रही हैं जिससे लाखो रूपये के राजस्व का चूना लग रहा है  ।