रहस्यमयी बीमारी से गॉव में मौत का कहर

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नन्दलाल / शाहजहांपुर – बच्चों की मौतों क मामले में गोरखपुर के बाद अब शाहजहांपुर बच्चो की मौतों का तांडव चल रहा है। यहां पिछले 15 दिनों ने 10 बच्चों की रहस्यमयी बीमारी से मौते हो गई जबकि कई और बच्चे जिन्दगी और मौत से जूझ रहे है। खास बात ये है कि जिले का स्वास्थ्य विभाग इलाज के नाम पर खानापूर्ति करने में जुटा है। बच्चों की मौतों का ये मामला उस जिले का है जहां से कृष्णाराज केन्द्रीय महिला एवं  बाल विकास मन्त्री है तो वही सुरेश कुमार खन्ना नगर विकास मन्त्री है। फिल्हाल बच्चों की मौत का सिलसिला लगातार जारी है।

अपनी आखरी साँस गिन रही ये बच्ची और रोते बिलखते पिता का ये नजारा  शाहजहांपुर जिला अस्पताल का है जहां अस्पताल ने बच्ची को रेफर करने के नाम पर बाहर निकाल दिया है। बच्ची लेकिन चन्द मिनटों  में ही बच्ची ने तड़प तड़प कर दर्दनाक मौत हो गई। यहां के जलालाबाद में एक रहस्यमयी बीमारी से पिछले 15 दिनों में 10 मासूम बच्चों की मौते हो चुकी है और ये बच्ची भी उसी गांव की है। इसी गांव में कई और बच्चे गंभीर रूप से बीमार है। यहां बच्चों को तेज बुखार आता है और गले में सूजन के बाद कुछ ही घन्टों में मौत हो जा रही है। गांव में हुई बच्चों की मौतों  के बाद आस पास के गांवों में दहशत का माहौल बना हुआ है। मरने वाले सभी बच्चों की उम्र 4 से 10 साल के बीच की है। स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली से गांव में लोगों में बेहद गुस्सा है। स्वास्थ्य विभाग के लापरवाह रवैये के चलते गांव में स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ धरना प्रदर्शन शुरू हो गया है। तड़पती हुई बच्ची के पिता की माने तो बच्ची के इलाज के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है।

इस तड़पती हुई बच्ची ने कुछ ही देर बाद दम तोड़ दिया। इसी तरह इस गांव में एक एक करके अब तक 10 मासूम बच्चे दम तोड़ चुके है और कई बच्चे अभी भी बेहद बीमार है। लेकिन इन बच्चों की जिन्दगी बचाने के लिए कोई भी ठोस कदम नही उठाए जा रहे है। गांव वालों की माने तो इन मौतों के लिए सिर्फ स्वास्थ्य विभाग ही जिम्मेदार है।

गांव में बच्चों की मौत का ये सिलसिला 1 अगस्त से शुरू हुआ था और देखते ही देखते 10 बच्चे मौत के आगोश में चले गये। डाक्टरों की माने तो बच्चों में डिप्थीरिया के लक्षण है जिसे गलाघोटू बीमारी कहते है जिसमें बच्चों को बुखार के बाद उनके गले में सूजन आ जाती है और कुछ ही घन्टों में बच्चे की मौते हो जाती है। डा0 आर पी रावत, सीएमओ ने बताया , कई बच्चो को इलाज के लिए लखनऊ भेजा गया है और कई का इलाज स्थानीय स्तर पर किया जा रहा है। गोरखपुर में बच्चों की मौतों के बाद सीएम ने लापरवाह लोगों पर कड़ी कार्यवाही लेकिन शाहजहांपुर में बच्चो की लगातार हो रही मौतों पर शासन और प्रशासन खामोश बैठा है। जबकि यहां की सांसद कृषणाराज केन्द्र में महिला एंव बाल विकास मन्त्री है और शहर विधायक सुरेश कुमार खन्ना नगर विकास एंव संसदीय कार्य मन्त्री है। दोनो में किसी भी मन्त्री ने न ही गांव में जाने की जहमत उठाई और न ही जिम्मेदार लोगों पर कोई कार्यवाही है। यहीं वजह है कि एक के बाद एक बच्चों की मौतों का सिलसिला लगातार जारी है।