करनाल – कौशल को हासिल करना है तो हमें अपनी मानसिकता को बदलते हुए नए परिवर्तनों को अपनाने को तैयार रहना होगा। यह उद्गार हरियाणा के उप.महाअधिवक्ता हिम्मत सिंह ने हरियाणा पुलिस अकादमी मधुबन के हर्षवर्धन सभागार में पुलिस कर्मियों को सम्बोधित करते हुए कहे । उन्होंने ई.फाईलिंग के साथ.साथ विकास कौशल इत्यादि विषयों के बारे में कार्यशाला को विभिन्न पहलुओं पर प्ररेक गुर सिखाए। इस कर्यक्रम में महाधिवक्ता कार्यालय के डीएजी रविदत्त शर्मा तथा एएजी गौरव बंसल ने भी मूल विषयों पर जानकारी दी। कार्यक्रम में राज्य के विभिन्न थानों से आए 500 से अधिक पुलिस अनुसंधान अधिकरियों ने भी भाग लिया।
उप महाअधिवक्ता ने अपनी प्रस्तुति के माध्यम से बताया कि पुलिस के लिए हाईकोर्ट मामले में महाअधिवक्ता(एजी) कार्यालय से पेपर बुक प्राप्त करना और जवाब की जांच करवाने का का र्य आसान हो गया है। इसे ऑन लाइन क र दिया गया है। उन्होंने पुलिस एवं महाधिवक्ता कार्यालय की कार्यप्रणाली ई.डायरी, ई.वैटिंग व केस स्टेट्स सिस्टम के बारे में जानकiरी देते हुए क हा कि लगभग 21000 पुलिसकर्मी सालाना इन कार्यों के लिए एजी हरियाणा के का र्यालय में आते थे। यह पेपर बुक वादी के वकील द्वारा न्यायालय में दाखिल की जाती है जिस पर जवाब देना होता है। डीजीपी और एजी हरियाणा की पहल पर पेपर बुक प्रदान करने का कार्य ऑन लाइन कर देने से अब एजी ऑफिस आने की आवश्यक ता नहीं होती। पेपर बुक को अपलोड कर दिया जाता है जिसे जिला मुख्यालय पर नियुक्त नोडल अधिकारी द्वारा डाउनलोड क र लिया जाता है। ऑन लाइन जवाब की जांच करवाने का प्रयोग पूरे हरियाणा के लिए लागू क र दिया गया है। उन्होंने क हा कि पुलिस, जेल विभाग एवं महाधिवक्ता कार्यालय के मध्य ऑनलाइन कार्य होने से करोड़ों रुपये के राजस्व और मानव संसाधनों की बचत हो रही है। ऑन लाइन से पूर्व एक केस में जवाब दाखिल करने तक औसतन 9 से 12 कार्यदिवस लगते थे जो अब इस प्रक्रिया के अपनाने से अधिकतम 4 कार्यदिवस ही लगते हैं। इस प्रणाली से पुलिस का बहुत वक्त कोर्ट कार्यवाही से बचता है । उन्होंने कहा कि हरियाणा पुलिस ई.वेटिंग को आरंभ करने वाली देश की पहली पुलिस व महाधिवक्ता कार्यालय हरियाणा देश का पहला कार्यालय बन गया है।