हर व्यक्ति सफाई से जुड़े, अगर ऐसा करेंगे तो हमारे गांव, शहर और प्रदेश स्वच्छ होंगे – मुख्यमंत्री

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करनाल – सलारू में रात्रि प्रवास के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सुबह की सैर पर निकलकर अपने दिल के उदगार व्यक्त करते हुए कहा कि गांव का जीवन साफ-सुथरा और सुखमय होता है, ग्रामीण साफ दिल के होते हैं। फिर अतीत की यादों में जाकर बोले की वे खुद ग्रामीण पृष्ठभूमि में पले-बढ़े और पढ़े हैं। रात्रि ठहराव को सुकून भरा बताया।  बीती रात को सलारू के राजकीय प्राथमिक विद्यालय में ग्राम सभा के सफल सार्थक आयोजन को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि वे जिला के अन्य गांव में भी इस तरह के कार्यक्रम में जाएंगे और लोगों से रूबरू होकर उनकी समस्याओं का समाधान करेंगे।
सलारू-टपराना रोड़ पर सैर करते-करते मुख्यमंत्री खेत में चल रहे एक नलकूप पर पहुंचे। स्वच्छ व शीतल जल से दो बार कुल्ला किया। साथ ही एक असामान्य आकार के ऊंचे व पुराने कुंए को देखकर किसान से पूछ बैठे, यह कैसा कुंआ है और इतना ऊंचा क्यू है। उत्तर में किसान ने बताया कि वर्षों पहले इस कुएं का लेवल इतना ऊंचा नहीं था। अब इसके आस-पास से मिट्टी उठाते-उठाते यह बड़ा दिखाई दे रहा है। सम्भवत: किसान का कहना था कि पहले यहां मिट्टी के ऊंचे टीले थे। किसान द्वारा खेत में उगाए गए धनिया पर बोले कि इस इलाके में किसान धनिये की अच्छी फसल लेते हैं, जो दिल्ली तक की मण्डिय़ो में जाता है। फिर पूछा कि भूमिगत जलस्तर का लेवल कहां तक पहुंच गया है, किसान ने बताया कि करीब 200 फुट तक। मुख्यमंत्री ने कहा कि भूमिगत पानी के लगातार दोहन से ऐसा हुआ है। इसे कम करने के लिए सरकार प्रयास कर रही है कि किसान सूक्षम सिंचाई को अपनाएं, कम पानी व ज्यादा मुनाफा देने वाली फसले उगाएं। मुख्यमंत्री ने सैर करते समय सडक़ पर खड़े ग्रामीणों से राम-राम भाईयो बोले।
इसके पश्चात मुख्यमंत्री ने इसी सडक़ पर भारत माता के जयकारे के साथ सफाई अभियान में शामिल होकर सांकेतिक रूप से झाडू चलाकर श्रमदान किया। उनके साथ खाद्य, नागरिक एवं उपभोक्ता मामले मंत्री कर्णदेव कम्बोज, स्वच्छ भारत मिशन हरियाणा के कार्यकारी उपाध्यक्ष सुभाष चन्द्र तथा गांव के सरपंच पलविन्द्र सिंह ने भी सडक़ पर झाडू लगाकर सफाई की। मुख्यमंत्री ने स्कूली बच्चों की स्वच्छता रैली को हरी झण्ड़ी दिखाई और उन्हे समझाते हुए बोले स्वच्छता को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं। घर, गली या सार्वजनिक जगह पर कोई गंदगी दिखाई दे, तो उसे साफ करें। रैपर या केले के छिलके को इधर-उधर ना फैंके, बड़े ऐसा करें तो उन्हे समझाएं। ऐसा करके बच्चे बड़ो को भी सीखा सकते हैं। वे प्रेरक और वाहक बन सकते हैं। सफाई व्यक्ति का पहला आभूषण है। उन्होने कहा कि सफाई अभियान में शामिल होने का मकसद लोगो में स्वच्छता के प्रति रूचि पैदा करना है। हर व्यक्ति सफाई से जुड़े, अगर ऐसा करेंगे तो हमारे गांव, शहर और प्रदेश स्वच्छ होंगे।
 मुख्यमंत्री ने मौके पर उपस्थित प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिए कि रात्रि कार्यक्रम में लगाए गए विभागों के स्टाल पूरा दिन रखे जाएं और ग्रामीणो की समस्याएं निपटाएं। मुख्यमंत्री ने स्कूल में जा रही छात्राओं से संवाद कर उनकी क्लास पूछी और कहा अच्छे से पढ़ाई किया करो।  मुख्यमंत्री के रात्रि ठहराव में सुखद पलों को याद करते हुए सरपंच पलविन्द्र सिंह के परिवारिक सदस्यों का कहना था, मुख्यमंत्री का गांव में आकर रूकना, यादगारी रहेगा। उन्होने कहा कि एक साधारण व्यक्ति की तरह रहे, खाने में कोई विशेष व्यंजन बनाने की मांग नही की, सामान्य नाश्ता किया। ऐसा लगा कि वे हमारे परिवारिक सदस्य हैं। स्वभाव से अति विनम्र हैं, लगा जैसे उनकी इस परिवार के साथ बहुत पुरानी जानकारी है।
सरपंच के घर से रूख्सत होने से पहले मुख्यमंत्री वहां मौजूद ग्रामीणा से मिले। इस दौरान अब्दुलापुर गांव की एक महिला भतेरी ने मुख्यमंत्री को अपनी व्यथा सुनाई। वास्तव में उनकी पति ईलम सिंह दिमागी रूप से अस्वस्थ दिखाई दे रहे थे, लेकिन अस्पताल की ओर से उन्हे 40 प्रतिशत विकलांगता प्रमाण पत्र दिया गया था। मुख्यमंत्री ने तुरंत संज्ञान लेते हुए सी.एम.ओ. को निर्देश दिए कि इनकी दोबारा जांच कर मैडिकल प्रमाण पत्र बनाएं, ताकि इसे दिव्यांग पेशन का लाभ मिल सके।