करनाल- हरियाणा सरकार कोरोना मरीजों को डोर-टू-डोर पहुंचाएगी ऑक्सीजन सिलेंडर 

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करनाल- हरियाणा सरकार ने एक बड़ी पहल करते हुए ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे प्रदेश के कोरोना मरीजों को राहत पहुंचाने के लिए उन्हें डोर-टू-डोर ऑक्सीजन पहुंचाने का फैसला किया है। इससे कोरोना से ग्रस्त मरीजों की जान बचाने में बहुत मदद मिलेगी और अस्पतालों पर भी दबाव कम होगा। इस सुविधा का लाभ लेने के लिए मरीजों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा जिसके लिए सरकार की ओर से एक हेल्पलाइन जारी किया गया है। ऑक्सीजन सिलेंडर प्राप्त करने के लिए कुछ आवश्यक शर्तें और दिशा निर्देश भी जारी किए गए हैं। इसके अलावा कोरोना काल में एंबुलेंस संचालकों एवं प्राइवेट अस्पतालों की लूट-खसोट को रोकने के लिए प्रदेश सरकार ने एंबुलेंस का भाड़ा एवं प्राइवेट अस्पतालों में उपचार के रेट भी तय कर दिए हैं। प्राइवेट अस्पतालों में उपचार के रेट तय करने की शुरुआत सिरसा से हुई है।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल और मुख्य सचिव अमित अग्रवाल के हवाले से यह महत्वपूर्ण जानकारी हरियाणा ग्रंथ अकादमी के उपाध्यक्ष डॉ. वीरेंद्र सिंह चौहान ने रेडियो ग्रामोदय के वेकअप करनाल कार्यक्रम में ग्रामीणों से चर्चा के दौरान दी। उन्होंने बताया कि कोरोना गांवों में पूरी तरह फैल चुका है और स्थिति अत्यंत गंभीर हो चुकी है। सरकार अपने स्तर पर तो प्रयास कर ही रही है, ग्रामीणों को भी सतर्क और जागरूक करने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि गांव गोंदर में एक कोरोना मरीज की मृत्यु होने का भी समाचार है।

चर्चा के दौरान सामाजिक कार्यकर्ता नरेंद्र राणा ने बताया कि गांव रहड़ा में ही कोरोना के अभी 45 एक्टिव मामले हैं। अन्य गांवों में भी कोरोना एक्टिव मामलों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इसके बावजूद लोग बीमारी के प्रति पूरी तरह गंभीर नहीं हो पाए हैं और अब भी लापरवाही बरती जा रही है।

उनकी इस बात से सहमति जताते हुए डॉ. चौहान ने कहा कि पूरे देश सहित हरियाणा के गांवों में भी अभी कोरोना से जंग जैसे हालात हैं। इससे पार पाने के लिए लोगों को जागरूक होना होगा और दिशा निर्देशों का पालन भी करना ही होगा। उन्होंने कहा कि स्थिति की गंभीरता को देखते हुए केंद्र सरकार ने भी देश में ऑक्सीजन का उत्पादन बढ़ाने के लिए विशेष इंतजाम किए हैं। अब नाइट्रोजन का उत्पादन लगभग बंद कर ऑक्सीजन तैयार करने का कार्य किया जा रहा है। देश के स्टील प्लांटों में भी ऑक्सीजन का उत्पादन किया जा रहा है। इसके अलावा देश में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के उत्पादन पर जोर दिया जा रहा है और विदेशों से भी इसका आयात किया जा रहा है।

चर्चा में भाग लेते हुए चोरकारसा से बलवीर ने प्रदेश सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने जनता के सुझावों पर अमल करने के लिए हर जिले में एक आईएएस स्तर का अधिकारी नियुक्त किया है। इससे हालात सुधरे हैं। ग्रामीण तेजिंदर सिंह तेजी ने सुझाव दिया कि कोरोना के खिलाफ लोगों को जागरूक करने के लिए गांव-गांव में युवाओं की एक टीम गठित हो जो लोगों को बीमारी के प्रति जागरूक करे।

उनके सुझावों को आगे बढ़ाते हुए डॉ. चौहान ने गांवों के युवाओं से जनजागरूकता फैलाने के लिए छोटी-छोटी टीमें गठित करने और घर-घर जाकर लोगों को दिशा निर्देशों का पालन करने के लिए प्रेरित करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि 18 वर्ष से ऊपर का कोई भी व्यक्ति वैक्सीनेशन से न छूटने पाए। डॉ. चौहान ने कहा कि गांवों में जागरूकता फैलाने के लिए धर्म स्थलों पर लगे लाउडस्पीकर का इस्तेमाल अत्यंत उपयोगी साबित हो सकता है। इसके अलावा धर्मगुरुओंं को भी अपने स्तर पर जागरूकता फैलाने के लिए प्रेरित करना चाहिए।

ऑनलाइन आवेदन के लिए दिशा-निर्देश

प्रदेश सरकार ने कोरोना ग्रस्त मरीजों को घर पर ही ऑक्सीजन सिलेंडर पहुंचाने और उसे रीफिल करने के लिए oxygenhry.in नाम से एक वेबसाइट शुरू किया है जिस पर ऑनलाइन आवेदन किया जा सकेगा। आवेदन करते समय मरीजों को अपना नाम,उम्र, स्थान और अपने आधार कार्ड का पूरा विवरण देना होगा। इसके अलावा मरीजों को चिकित्सक का निर्देश और ऑक्सीमीटर के साथ अपना फोटो भी वेबसाइट पर अपलोड करना होगा जिसमें उसके ऑक्सीजन का स्तर 5 एमबी से कम दर्शाया जा रहा हो। वेबसाइट पर मरीज के अलावा एक अन्य व्यक्ति का भी विवरण देना होगा ताकि जरूरत पड़ने पर उससे संपर्क किया जा सके।