करनाल -बेरोजगार युवाओं के लिए वरदान बना करनाल का रोजगार सृजन केंद्र

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बेरोजगारों की बढ़ती भीड़ को राष्ट्र निर्माण से जोड़ने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए स्वावलंबी भारत अभियान तेजी से आगे बढ़ रहा है। इसके तहत करनाल के गुरु नानक खालसा कॉलेज में स्थापित जिला रोजगार सृजन केंद्र बेरोजगार युवक-युवतियों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। 3 माह पहले स्थापित यह रोजगार सृजन केंद्र कॉलेज से निकलने वाले युवाओं को इंटर्नशिप के साथ-साथ रोजगार भी मुहैया करा रहा है।अभियान के प्रदेश समन्वयक कपिल मदान ने बताया कि अब तक प्रदेश भर के विभिन्न जिलों में 30 रोजगार सृजन केंद्र खोले जा चुके हैं। करनाल में गुरु नानक खालसा कॉलेज को नोडल केंद्र बनाया गया है। इसके अलावा दयाल सिंह कॉलेज में भी एक उप रोजगार सृजन केंद्र आरंभ किया गया है। जल्द ही हमारी योजना खंड स्तर पर रोजगार सृजन केंद्र खोलने की है। इस अभियान से शैक्षणिक संस्थाओं निजी क्षेत्र की कंपनियों और बैंकों को जोड़ा गया है।
उन्होंने बताया कि स्वावलंबी भारत अभियान, देश में रोजगार और स्वरोजगार के अवसर पैदा करने हेतु ठोस कदम उठाने के लिए एक महत्वपूर्ण सामूहिक पहल है, जिसे आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्र में काम कर रहे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बीस व 13 सामाजिक संगठनों द्वारा प्रारम्भ किया गया है।
उन्होंने बताया कि आजादी के बाद अपनी तरह के इस पहले सबसे बड़े अभियान के लिए सामाजिक, शैक्षणिक व आर्थिक संगठन एक मंच पर आए हैं। जिसका उद्देश्य संपूर्ण भारत को बेरोजगारी, गरीबी मुक्त समृद्धि युक्त बनाना व हर हाथ को काम देना है। यह जब हो जाएगा तो देश की अर्थव्यवस्था के वर्ष 2030 तक 10 ट्रिलियन डॉलर की होने से कोई रोक नहीं सकता है।
उन्होंने कहा कि देश में मौजूदा वक्त में 37 करोड़ युवा हैं। हर माह नौ लाख युवा रोजगार के लिए बाजार में आ रहे हैं। इनके रोजगार की पूर्ति अकेले सरकार या कंपनियां नहीं कर सकती हैं, इसके लिए स्वरोजगार को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। इसे ध्यान में रखकर हम आगे बढ़ रहे हैं। इसके लिए उद्यमिता, स्वदेशी व सहकार उपाय सुझाएं हैं।  इसके लिए एक पोर्टल भी शुरू किया गया है, जिसमें स्वरोजगार के सभी आयामों को जोड़ा गया है।
उन्होंने बताया कि अभियान के माध्यम से युवाओं को स्वरोजगार को प्रेरित करने के लिए सरकार द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न योजनाओं की भी जानकारी दी जाती है तथा उसका लाभ उठाने को लेकर प्रेरित किया जाता है। इसके लिए स्वयंसेवी युवाओं को भी जोड़ा जा रहा है जो अपना कुछ समय निकालकर इस कार्य में मदद करने के लिए आगे आ रहे हैं।
जिला रोजगार सृजन केंद्र के कोऑर्डिनेटर ताराचंद ने बताया कि इस केंद्र में ऑफलाइन और ऑनलाइन माध्यम से अब तक सौ से अधिक युवाओं ने पंजीकरण कराया है जिनमें से अधिकतर युवाओं को निजी क्षेत्र में रोजगार मुहैया कराया गया है जबकि कुछ युवा स्वयं का रोजगार करने के लिए आगे आए हैं। यह केंद्र उन्हें ट्रेनिंग के साथ बैंकिंग सहायता भी मुहैया कराता है। ताराचंद ने बताया कि इसके लिए उद्योग जगत और विभिन्न बैंकों के साथ करार किया गया है। जल्द ही इस यहां एक आधुनिक प्रशिक्षण केंद्र की शुरुआत भी की जाएगी जहां कॉलेज में पढ़ने वाले युवा पढ़ाई के साथ साथ कंप्यूटर पर विभिन्न प्रकार की स्किल सीख पाएंगे। प्रशिक्षण के बाद उन्हें सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा। पढ़ाई पूरी करने के बाद जब वे कॉलेज से बाहर निकलेंगे तो उनके हाथ में हुनर होगा और वह नौकरी के साथ-साथ खुद का रोजगार भी आरंभ कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हम  युवाओं के समूह बनाकर उन्हें बैंकों के से भी जोड़ते हैं जो उन्हें स्वरोजगार के लिए ऋण मुहैया कराते हैं।