करनाल -कोरोना वायरस का फायदा उठाने वाले दवाई विक्रेताओं पर एसडीएम ने की छापे मारी

0
474

करनाल –  एसडीएम नरेन्द्र पाल मलिक की अध्यक्षता में सोमवार को सैनेटाईजर और मास्क की ब्लैक मार्किटिंग को रोकने के उदेश्य से जिला प्रशासन द्वारा कड़ी कार्यवाही अमल में लाई गई। उपायुक्त निशांत कुमार यादव के मार्गदर्शन में गठित विभिन्न टीमों ने एक साथ लगभग आधा दर्जन दवा विक्रेताओं की दुकानों पर छापेमारी की और स्पष्ट संदेश दिया कि ब्लैक मार्किटिंग करने वाले को किसी भी सूरत में बक्शा नहीं जाएगा।
एसडीएम ने कल्पना चावला राजकीय मैडिकल कॉलेज और महाबीर दल अस्पताल के सामने कई दवाईयों की दुकानों पर सैनेटाईजर और मास्क का स्टॉक चैक किया और संबंधित सामान के खरीद बिल मांगे और विक्रय मूल्य बारे जानकारी ली। जरूरी दस्तावेज ना दिखाने के कारण एक दवा विक्रेता की दुकान को सील किया गया तथा दो अन्य को नोटिस देने की कार्यवाही अमल लाई गई। दुकानदारों द्वारा बेचे जा रहे सामान के सैम्पल के साथ उनके बिल की प्रति भी कब्जे में ली और प्राप्त किए सामान की रिसीविंग भी दुकानदारों को सौंपी। इसके बाद सैक्टर-3 के औद्योगिक क्षेत्र की एक सैनेटाईजर बनाने वाली औद्योगिक इकाई का भी निरीक्षण किया और उनके ड्रग लाईसेंस, स्टॉक, बिक्री  व अन्य दस्तावेजों को लेेकर जांच शुरू की। खबर लिखे जाने तक संबंधित दवा निर्माता कम्पनी में जांच जारी थी और यहां पर भी एसडीएम ने दवा निर्माता कम्पनी के संचालक को स्पष्ट किया कि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी पाए जाने पर युनिट को सील किया जाएगा।
एसडीएम नरेन्द्र पाल मलिक ने इस बारे में बताते हुए कहा कि कोरोना वायरस के चलते जिला प्रशासन को यह सूचना मिली थी कि दवा विक्रेता बाजार भाव से अधिक मूल्य पर सैनेटाईजर और मास्क की बिक्री कर रहे हैं, जबकि हरियाणा सरकार ने इस आपदा के समय में ऐसा करने वाले के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने के निर्देश दिए है और  सरकार द्वारा एस्मा कानून के तहत सात साल सजा प्रावधान भी किया गया है। इन्हीं आदेशों की अनुपालना में यह कार्यवाही जारी है और कोरोना के प्रभाव के चलते इसी प्रकार निरंतर जारी रहेगी ताकि इस आपदा के समय में आमजन को कोरोना से बचाव के लिए जरूरी वस्तुएं बाजार भाव पर उपलब्ध हो सके। उन्होंने दवा विक्रेताओं से अपील की कि वे इस मुश्किल समय में मुनाफा छोड़कर संवेदनशीलता का परिचय देते हुए आमजन का सहयोग करें। इस मौके पर वरिष्ठ दवा नियत्रंक अधिकारी परविंद्र मलिक, दवा नियंत्रक अधिकारी राकेश दहिया, तहसीलदार राजबक्श, उपसिविल सर्जन डॉ. राजेश गौरिया, जिला आयुष अधिकारी डॉ. राजबीर लांग्यान सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।