करनाल – पत्रकार की याचिका पर हाईकोर्ट ने सोशल मीडिया पर लगे बैन पर स्टे लगाया 

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करनाल – करनाल के वरिष्ठ पत्रकार अनिल लांबा की याचिका पर हाईकोर्ट ने सोशल मीडिया पर लगे बैन पर स्टे यानि रोक लगा दी है l पत्रकार द्वारा द्वारा सोशल मीडिया पर हरियाणा सरकार द्वारा लगाए गए बैन को हटाए जाने की मांग को लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका पर सुनवाई करते हुए हरियाणा सरकार के इस तालिबानी फ़रमान पर करारा प्रहार करते हुए उपायुक्त के इस बैन पर स्टे लगा दिया है। हाईकोर्ट ने सरकार को करारी फटकार लगाते हुए कहा है कि सरकार न तो सोशल मीडिया पर बैन लगा सकती है और न ही जनता की आवाज को दबा सकती है। यदि सरकार सोशल मीडिया पर कोई नियम कायदे बनाना चाहती है तो बनाए, लेकिन उस से पहले बैन लगाना संवैधानिक नहीं है।
ज्ञात रहे कि हरियाणा सरकार ने प्रदेश के लगभग छह जिलों में कोरोना को लेकर सोशल मीडिया पर बैन लगा दिया था  और करनाल के डीसी निशांत कुमार यादव ने दस जुलाई 2020 को करनाल में अनाधिकृत रूप से सोशल मीडिया पर समाचार दिखाने पर 15 दिन का बैन लगा दिया था। इस बैन के विरोध में वरिष्ठ पत्रकार अनिल लांबा ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई और सीनियर अधिवक्ता अक्षय भान, वरिष्ठ अधिवक्ता वीरेंद्र सिंह राठौर और अधिवक्ता अमनदीप तलवार के माध्यम से इस तालिबानी फ़रमान को चुनौती दी थी ।
आज इस केस की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने इस बैन पर करनाल में 14 अगस्त तक स्टे लगा दिया है । उल्लेखनीय है कि इस मामले की सुनवाई वर्चुअल हियरिंग के माध्यम से की गई । अब इस ऐतिहासिक फैसले के बाद सभी जिला करनाल के पत्रकार अपनी अपनी गतिविधियाँ दुबारा से सोशल मीडिया न्यूज़ चैनलों पर शुरू कर सकते हैं। वरिष्ठ अधिवक्ता वीरेंद्र सिंह राठौर ने बताया कि डीसी करनाल के सोशल मीडिया को बैन करने के आदेश असवैंधानिक हैं l  याचिकाकर्त्ता  पत्रकार लांबा ने बताया कि यह पहले से ही पता था कि सरकार का सोशल मीडिया पर बैन लगाना असवैंधानिक है इसलिए हाईकोर्ट में याचिका लगाई जिस पर आज फैसला आ गया है इस फैसले के बाद सभी खुश हैं l