नैनीताल – असीमित संख्या में श्रद्धालु कर सकेंगे चारधाम यात्रा :हाईकोर्ट

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रिपोर्ट – कान्ता पाल/ नैनीताल – उत्तराखंड हाईकोर्ट ने चारधाम यात्रा में सुनवाई की। मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मामले को सुनने के बाद चारधाम यात्रा में असीमित संख्या दर्शन करने की अनुमति दे दी है। साथ मे कोर्ट ने यह भी कहा है कि सभी श्रद्धालु कोविड के नियमों का पूर्ण रूप से पालन करेंगे। कोविड के नियमों का पालन कराने की जिम्मेदारी प्रशासन की होगी और डीएलएसए इसकी रिपोर्ट कोर्ट में पेश करेंगे। कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि चारधाम में मेडिकल की सुविधा और बढ़ाई जाए, इमरजेंसी केसों के लिए चॉपर की व्यवस्था की जाय उसकी जानकारी के लिए मोबाइल नम्बर वेबसाइट पर उपलब्ध कराया जाय। मामले की अगली सुनवाई 17 नवम्बर की तिथि नियत की है।
आपको बता दे सरकार की तरफ से शपथ पत्र पेश कर कहा गया है कि कोर्ट द्वारा पूर्व में दिए गए निर्णय को संशोधन किया जाय । महाधिवक्ता द्वारा सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि चारधाम यात्रा करने के लिए कोविड को देखते हुए  कोर्ट ने पूर्व में श्रद्धालुओं की संख्या निर्धारित कर दी थी। लेकिन वर्तमान समय में प्रदेश में कोविड के केस ना के बराबर आ रहे है इसलिए चारधाम यात्रा करने के लिए श्रद्धालुओं की निर्धारित संख्या के आदेश  में संशोधन किया जाय । महाधिवक्ता द्वारा कोर्ट के सम्मुख यह भी कहा कि  चार धाम यात्रा समाप्त होने में तीन सप्ताह से कम का समय बचा हुआ है इसलिए जितने भी श्रद्धालु वहाँ दर्शन के लिए आ  रहे है उन सबको दर्शन करने की अनुमति दी जाय। जो श्रद्धालु ऑनलाइन दर्शन करने हेतु रजिस्ट्रेशन करा रहे है वे नहीं आ रहे है जिसके कारण वहाँ के स्थानीय लोगों पर रोजी रोटी का खतरा उत्पन्न हो रहा है। सरकार को कोर्ट ने पूर्व में दिए गए दिशा निर्देशों का पालन करने का  हर संभव प्रयास किया जा रहा ।  चारधाम यात्रा में सभी सुविधाओं को उपलब्ध करा दिया गया।  सरकार की तरफ से यह भी कहा गया है कि चार धाम यात्रा करने के लिए श्रद्धालुओं की निर्धारित  संख्या  पर से रोक हटाई जाय  या फिर श्रद्धालुओं की संख्या तीन से चार हजार प्रतिदिन किया जाय। सरकार की तरफ से आज यह भी कहा गया कि बालाजी व सोमनाथ में प्रतिदिन 28 हजार  व 10 हजार श्रद्धालु दर्शन कर रहे है। राज्य व केंद्र सरकार ने स्कूल मॉल, कालेज, सिनेमा  सब खोल दिये गए है इसलिए चार धाम में श्रद्धालुओं की संख्या को भी बढ़ाया जाए।मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में हुई।  याचिकर्ता के अधिवक्ता ने कहा कि सरकार ने चारधाम में सुविधाओं के बारे में क्या क्या क्या सुविधाएं उपलब्ध है उसकी जानकारी पोर्टल में नहीं डाली है सिवा एक एटीएम के। उसको भी राज्य अपने वेबसाइट में अपलोड करें ताकि दर्शन करने वाले लोगो को परेशानियों का सामना न करना पड़े। पूर्व में कोर्ट ने चारधाम यात्रा करने के लिए  प्रत्येक दिन  केदारनाथ धाम में  800 , बद्रीनाथ धाम में 1000,  गंगोत्री में 600, यमुनोत्री धाम में कुल 400 श्रद्धालुओं को  जाने की अनुमति दी थी ।