अजमेर शरीफ दरगाह 4 बच्चे हाफिज ऐ कुरान बने

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अजमेर – अजमेर शरीफ दरगाह के दारुल उलूम मोइनिया उस्मानिया से आज 4 बच्चे हाफिज ऐ कुरान बने यानी कुरान शरीफ को बगैर देखे उसे पढ़ने वाले बने। दरगाह के महफ़िल खाना में इन बच्चों की रुखसती के वक्त जलसा ऐ दस्तरबंदी रखी गई। जिसमें सबसे पहले प्रोग्राम का आगाज़ तिलावते कुरान पाक से किया गया और अकीदतमंदों ने अपने नबी हज़रत मोहम्मद मुस्तफ़ा सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम कि शान में नाते पाक के नज़राने पेश किए। दारुल उलूम के सदरे मुदर्रिस मौलाना   बशिरुल क़ादरी ने कुरान पाक पर अमल से लेकर उसको याद करने की खास अहमियत बताते हुए बयान किया। इस मौके पर दरगाह कमेटी की जानिब से सभी 4 छात्रों को हाफ़िज़ ऐ कुरान की सनद सर्टिफिकेट  सम्मान से नवाजा गया और अकीदतमंदों ने जुब्बा और फूल माला पहना कर गले लगाया।  कुरान पाक को बगैर देखे याद करने वाले इन चारों हाफिजों की खुशी देखते ही बन रही थी। मौलाना बाशिरुल क़ादरी के अनुसार इनके उज्वल भविष्य की कामना की गई और जल्से के आखिर में सलातो सलाम के साथ दुआ खैर हुई तबर्रुक तक़सीम किया गया।प्रोग्राम में इन चारों बच्चों के उस्ताद हाजी हाफ़िज़ शकील अहमद,मौलाना जाकिर हुसैन,अंजुमन सैय्यादजादगान के मेम्बर मौलाना सैय्यद मुसव्विर चिश्ती,दरगाह कमेटी असिस्टेंड नाज़िम मोहम्मद आदिल,अलीम बाबू,अज़ीज़ बाबू,अंजुमन शैखज़ादगान के सचिव शेख मज़ीद चिश्ती,मौलाना सिराजुद्दीन अली सहित कई गणमान्य लोग मौजूद थे।